कैसे श्रीनगर-शारजाह विमान सेवा प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बनी वरदान, अक्टूबर 2021 में शुरू हुई थी ये विमान सेवा

 

संयुक्त अरब अमीरात व अन्य खाड़ी देशों के पर्यटक भी सीधे जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 23 अक्टूबर 2021 को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्रीनगर से शारजाह के लिए पहली विमान सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। लगभग 11 साल के बाद श्रीनगर से किसी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा की यह पहली उड़ान थी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी विमान सेवा की बहाली जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इससे पर्यटन और व्यापार दोनों को प्रोत्साहण मिल रहा है। यह उड़ान मध्यपूर्व एशिया में बसे जम्मू-कश्मीर के लोगों में लगातार लोकप्रिय हो रही है। इससे संयुक्त अरब अमीरात व अन्य खाड़ी देशों के पर्यटक भी सीधे जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 23 अक्टूबर 2021 को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्रीनगर से शारजाह के लिए पहली विमान सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। लगभग 11 साल के बाद श्रीनगर से किसी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा की यह पहली उड़ान थी। इससे पूर्व श्रीनगर और दुबई के बीच विमान सेवा थी जो तकनीकी कारणों और पाकिस्तान के असहयाेग के कारण बंद हो गई थी। शारजाह के लिए विमान सेवा का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था यह सेवा पर्यटन को बढ़ावा देने और केंद्र शासित प्रदेश में अधिक निवेश लाने में मदद करेगी। शुरुआती दिक्कतों और लंबी दूरी के बावजूद यह उड़ान अब कश्मीरी यात्रियों के बीच लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। श्रीनगर से शारजाह के लिए गो फर्स्ट की उड़ान, शाम 6.30 बजे आइएसटी में शारजाह के लिए रवाना हुई और लगभग 9 बजे आईएसटी संयुक्त अरब अमीरात में पहुंची।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस सेवा का हजारों यात्रियों ने लाभ उठाया है। पाकिस्तान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति देने से इंकार किए जाने के बाद श्रीनगर-शारजाह उड़ान को 40 मिनट अतिरिक्त समय लग रहा है। फिर भी यह खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले कश्मीर के लोगों की पहली पसंद है। यह विमान सेवा उद्याेग एवं वाणिज्य क्षेत्र से संबधित लोगों के बीच लोकप्रिय है। कश्मीर से संबंधित एक प्रतिष्ठित कारोबारी ने कहा कि उपराज्यपाल की पहल और केंद्र सरकार के समर्थन से सभी कारोबारी खुश है। उन्होंने उम्मीद जताई कि श्रीनगर हवाई अड्डे से अन्य मुल्कों के लिए भी सीधी अंतरराष्ट्रीय विमारन सेवा बहाल की जाएगी।

गो फर्स्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण श्रीनगर-शारजाह विमान सेवा कुछ समय तक बंद रखी गई थी और अब यह फिर से बहाल हो चुकी है। गो फर्स्ट श्रीनगर और शारजाह के बीच सप्ताह में दो उड़ानें संचालित कर रहा है। इस सेवा के फिर से शुरू होने से जम्मू-कश्मीर और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस बीच, श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयात निर्यात के लिए संरक्षक जिसे कस्टोडियन कहा जाएगा, के रूप में पंजीकृत किए जाने से भी जम्मू-कश्मीर में कारोबारी गतिविधियों को फायदा पहुंचेगा। कस्टम आयुक्त ने श्रीनगर हवाई अड्डे के कार्गो टर्मिनल पर विदेश से माल के आयात और निर्यात के लिए श्रीनगर हवाई अड्डे को कस्टोडियन के तौर पर अधिसूचित किया है।

श्रीनगर हवाई अड्डे के निदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि हम श्रीनगर से देश के बाहर विदेश में सीधे माल के आयात और निर्यात के लिए व्यापारिक समुदाय को अपनी सेवाएं दे सकते हैं। हम सभी एयरलाइनों को इस सुविधा का पूरा उपयोग करने और श्रीनगर हवाई अड्डे से अपने कार्गो संचालन शुरू करने के लिए आमंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह सुविधा आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम होगा और स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं आस-पास के क्षेत्रों के लोगोे के लिए भी रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा।

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने के लिए उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर, मनोज सिन्हा का आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि श्रीनगर-जेद्दा उड़ानें भी जल्द ही शुरू हो जाएंगी। श्रीनगर की एक नामी ट्रैवल एजेंसी के मालिक ने बताया कि श्रीनगर-शारजाह फ्लाइट की मदद से कारोबार ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। “हमें अब कश्मीर के विभिन्न गंतव्यों के लिए मध्य पूर्व से बहुत सारी पूछताछ मिल रही है। हम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का स्वागत करते हैं और उन ठोस कदमों के लिए आभार व्यक्त करते हैं जो हमें व्यापार के खोए हुए गौरव को वापस पाने में मदद करेंगे। संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों के 31 सदस्यीय समूह ने श्रीनगर में पहली बार विदेशी निवेश शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की क्षमता है और इस तरह के निवेश भारत और संयुक्त अरब अमीरात, विशेष रूप से कश्मीर के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होंगे।