
Jharkhand News हम और कुछ नया सीखे पहल...के तहत बच्चों को कोरोना काल में उनकी पढ़ाई लिखाई में सहायता प्रदान की। हांसी...पहल पिछले साल अक्टूबर में यूनिसेफ द्वारा रांची विवि के सहयोग से शुरू की गई थी। बच्चों को सीखने में सहायता प्रदान करने वाले को उनके सम्मानित किया गया।
रांची, सं। Jharkhand News यूनिसेफ ने एनएसएस झारखंड और रांची यूनिवर्सिटी के सहयोग से हातमा बस्ती के वंचित बच्चों के साथ बातचीत का एक कार्यक्रम आयोजन किया। मौके पर उन स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने हम और कुछ नया सीखे पहल...के तहत इन बच्चों को कोरोना काल में उनकी पढ़ाई लिखाई में सहायता प्रदान की। हांसी...पहल पिछले साल अक्टूबर में यूनिसेफ द्वारा रांची विवि के सहयोग से शुरू की गई थी। इस कार्यक्रम के दौरान एनएसएस स्वयंसेवकों को कोविड-19 महामारी के दौरान रांची की झुग्गियों में बच्चों को सीखने में सहायता प्रदान करने वाले एनएसएस स्वयंसेवकों को उनके कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन रांची के हातमा बस्ती स्थित सरना टोली में किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रांची नगर निगम की मेयर डा आशा लकड़ा थीं। मौके पर आरयू के डीएसडब्ल्यू डा राजकुमार शर्मा, यूनिसेफ झारखंड की संचार अधिकारी आस्था अलंग, आरयू के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डा ब्रजेश कुमार उपस्थित रहे।
अन्य हिस्सों में भी हो प्रसार
रांची नगर निगम की मेयर डा आशा लकड़ा ने कहा कि हांसी कार्यक्रम के माध्यम से कोरोना काल में वंचित बच्चों को उनकी शिक्षा को जारी रखने में सहयोग प्रदान किया गया। यहां के वोलेंटियर्स का आत्मविश्वास ही इस पहल की सफलता है। जो दर्शाता है कि एनएसएस स्वयंसेवकों तथा यूनिसेफ के माध्यम इस पहल के तहत कितनी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया गया है। हमें इसके विस्तार तथा अन्य हिस्सों में स्थित झुग्गी बस्तियों में रहने वाले अन्य बच्चों तक इस पहल के माध्यम से कार्य करने की जरूरत है। ताकि सभी बच्चे सीख सकें और अपनी शिक्षा को जारी रख सकें।
सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों को आगे आने की जरूरत
यूनिसेफ झारखंड के संचार अधिकारी आस्था अलंग ने कहा कि हम और कुछ नया सीखें...को संयुक्त रूप से राज्य में यूनिसेफ और एनएसएस झारखंड द्वारा अक्टूबर 2021 में उन बच्चों को सीखने में सहायता प्रदान करने के इरादे से शुरू किया गया था, जिनके पास बुनियादी साधनों की कमी थी। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को भी आगे आकर इसमें सहयोग देने की जरूरत है। ताकि प्रत्येक बच्चा अपनी पढ़ाई जारी रख सके। एनएसएस के 50 स्वयंसेवकों ने इसी उद्देश्य के साथ झुग्गी बस्ती के बच्चों को पढ़ने में मदद की। उन्हें अंग्रेजी, हिन्दी तथा अन्य सामान्य ज्ञान की जानकारियों से अवगत कराया। रांची में हातमा बस्ती के 40 बच्चों के साथ जुड़ने के लिए एनएसएस के साथ यह सहयोग बहुत महत्वपूर्ण रहा है। समाज की सेवा के लिए समर्पित इन युवा स्वयंसेवकों को सम्मानित करना हमारे लिए खुशी की बात है।
हातमा बस्ती में बिखेर दी खुशियां
रांची यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू डा राजकुमार शर्मा ने कहा कि यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि कैसे इस पहल ने बच्चों के जीवन में बदलाव ला दी है। हातमा बस्ती में भी खुशियां बिखेरी हैं। मैं इस पहल के उद्देश्य और एनएसएस स्वयंसेवकों के समर्पण की सराहना करता हूं। जिन्होंने इन बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना समय और श्रम लगाया। हम और कुछ नया सीखें इनिशिएटिव ने न केवल वंचित बच्चों की मदद करने में एनएसएस वोलेंटियर्स को प्रेरित किया बल्कि उन्हें समाज के लिए कुछ करने का भी मौका दिया।
अन्य बस्तियों में चलाई जाएगी मुहिम
रांची यूनिवर्सिटी के एनएसएस प्रोग्राम को-आर्डिनेटर डा ब्रजेश कुमार ने कहा कि हमारे एनएसएस स्वयंसेवकों ने अनुकरणीय कार्य किया है। रांची के दो स्लम क्षेत्रों के बच्चों को उनकी पढ़ाई जारी रखने में सहयोग दिया। इस पहल और प्रयास ने इन बच्चों के अंदर एक विश्वास और आशा का संचार किया है। ये बच्चे अब अच्छे से अंगेजी और हिन्दी के शब्दों का उच्चारण कर पाते हैं। अब हमने रांची के अन्य स्लम क्षेत्रों तक पहुंचने की भी योजना बनाई है। जहां हमारे स्वयंसेवक वंचित बच्चों को इच वन-टीच वन...मंत्र की भावना के साथ पढ़ने और सीखने में मदद करेंगे।