
Farming प्रखंड के जपुआ गांव के युवा किसान अवध किशोर दांगी ने इस योजना का बखूबी लाभ उठाया है। आम बागवानी के साथ-साथ मिश्रित सब्जी की फसल किया है। विनोद को वर्ष 2018-19 में आम बागवानी योजना मनरेगा के तहत दिया गया है।
चतरा, सं। बदलते समय में किसानी का ट्रेंड भी बदला है। परंपरागत खेती की जगह अब किसान मिश्रित खेती कर आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं। मुख्य रूप से बागवानी में मौसमी सब्जियों की खेती से दोहरी आमदनी मिल रही है। वहीं बागवानी फसलों के साथ बैंगन और अन्य सब्जी की खेती कर किसान बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। मिश्रित खेती के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने बागवानी में आम के साथ-साथ बैंगन,नेनुआ,करेला व हल्दी अदरक व अन्य सब्जी की मिश्रित खेती से किसानी चमका रहे हैं।
मिश्रित खेती से मुनाफा कमा रहे किसान
प्रखंड के जपुआ गांव के युवा किसान अवध किशोर दांगी ने इस योजना का बखूबी लाभ उठाया है। आम बागवानी के साथ-साथ मिश्रित सब्जी की फसल किया है। विनोद को वर्ष 2018-19 में आम बागवानी योजना मनरेगा के तहत दिया गया है। अवध द्वारा आम बागवानी में आलू, टमाटर, बैंगन, नेनुआ, पपीता, ओल, हल्दी व अदरक सहित अन्य मिश्रित सब्जी का फसल किया है। आम बागवानी के साथ मिश्रित सब्जी की फसल को देख प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक ने भी सराहना किया है।उन्होंने कहा किसान सरकार की योजना का लाभ उठाकर बनें आत्मनिर्भ।आम की बागवानी के साथ आलू,हल्दी,ओल सहित अन्य फसल की मिश्रित खेती की जाती है। पपीता हल्दी , अदकर व ओल की मिश्रित खेती भी कई किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। मनरेगा के तहत बिरसा आम बागवानी योजना के तहत प्रखंड के दर्जनों किसानों को इसका लाभ मिला है। किसान आम बागवानी के साथ साथ मिश्रित सब्जी के फसल कर आत्मनिर्भर बनने के साथ आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
मनरेगा के तहत आम बागवानी योजना का लाभ मिला है। इस योजना के तहत एक एकड़ में आम बागवानी लगाया है। बागवानी के साथ-साथ बैगन, करेला, नेनुआ, धनियापता सहित अन्य सब्जी की फसल किया है। उसके साथ हल्दी और बीच-बीच में अदरख की मिश्रित खेती की है, ताकि ज्यादा लाभ मिल सके।
अवधकिशोर दांगी, किसान।
अधिकारी वर्जन प्रखंड के कुछ किसान मिश्रित खेती की बेहतर शुरूाआत की है। अन्य किसानों को भी मिश्रित खेती का लाभ उठाने के लिए आगे आने की जरूरत है। विभागीय स्तर से किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है।