
बैंक यूनियन की हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है जिससे आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। हालांकि आजकल बहुत सी बैकिंग सेवाएं आनलाइन उपलब्ध हैं लेकिन कुछ कार्य बैंक शाखा में ही जाकर कराए जाते हैं।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। अगर आप सोमवार और मंगलवार को बैंक जाकर वित्त संबंध कामकाज निपटाना चाहते हैं तो बिल्कुल भी नहीं जाए, क्योंकि बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में आपको निराश होकर घर लौटना पड़ेगा। हालांकि, स्टेट बैंक आफ इंडिया समेत कई बैंक खुले हैं और सामान्य कामकाज हो रहा है, लेकिन अधिकतर सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित है। दरअसल, आल इंडिया बैंक इप्लाइज यूनियन और आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार और मंगवलार को भारतीय स्टेट बैंक को छोड़ प्रदेश के अधिकतर बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में भी बैंक बंद हैं या फिर जो खुले भी हैं, उनमें कामकाज प्रभावित है, क्योंकि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
गौरतलब है कि निजीकरण के खिलाफ और ईपीएफ में ब्याज की कटौती के विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम ट्रेड यूनियन दो दिवसीय (सोमवार और मंगलवार) को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में भी दून में ट्रेड यूनियनों से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। इसके चलते सिर्फ बैंक ही नहीं बल्कि बीमा, डाक घर समेत विभिन्न कार्यालयों में कामकाज प्रभावित है।
वहीं, भारतीय स्टेट बैंक की यूनियनें इस हड़ताल और प्रदर्शन में शामिल
नहीं हैं। ऐसे में भारतीय स्टेट बैंक की सभी शाखाएं खुली हैं और यहां पर
कामकाज भी सामान्य हो रहा है।
बता दें कि देशभर की 10 से अधिक ट्रेड यूनियन 28 व 29 को होने वाली
हड़ताल का समर्थन कर रही हैं। इनमें संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगार भी
शामिल हैं। हड़ताल कर रही यूनियन के नेताओं का कहना है कि देश की
संपत्तियां बिक रही हैं। सरकार मजदूर विरोधी नीति अपना रही है। उन्होंने
न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपये तथा सामाजिक सुरक्षा देने की मांग की है।
इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे
हैं। इनका बैंक यूनियनों ने भी समर्थन किया है, जिससे सरकारी बैंक शाखाओं
में कामकाज प्रभावित होने की संभावना है।
एटीएम भी हो सकते हैं खाली
बैंक के अधिकारियों का कहना है जब लगातार चार दिनों
तक बैंक में काम नहीं होगा तो बैंक के एटीएम भी खाली हो सकते हैं। उनका
कहना है कि महानगरों एवं बड़े शहरों में, जहां थर्ड पार्टी कैश भरते हैं,
वहां तो दिक्कत नहीं होगी। लेकिन जिन एटीएम में कैश भरने का काम बैंक के
स्टाफ करते हैं, वहां कैश खत्म हो सकता है।