
Gautam Buddha Nagar Vidhan Sabha Election Result 2022 गौतमबुद्ध नगर जिले में समाजवादी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। जनता ने एक बार फिर भाजपा पर भरोसा जताया है। सपा ने इस बार जीत का स्वाद चखने के लिए रालोद से गठबंधन कर बड़ी उम्मीद लगाई थी।
ग्रेटर नोएडा, जीत के बड़े-बड़े दावों के बावजूद गौतमबुद्ध नगर की जनता ने एक बार फिर सपा को पूरे तरीके से दरकिनार कर दिया। जिले की तीन में से एक भी सीट पर सपा व रालोद गठबंधन के प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सके। दादरी सीट पर पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार सर्वाधिक वोट पाने में सफल रहे।
जिले में सपा आज तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। जीत का स्वाद चखने के लिए सपा ने इस बार रालोद से गठबंधन कर बड़ी उम्मीद लगाई थी। जिले की तीन में से एक जेवर विधानसभा सीट रालोद व दो सीट नोएडा व दादरी सपा के खाते में गई थी।
सपा ने नोएडा में पुराने नेता सुनील चौधरी, दादरी में राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी पर दांव लगाया था। जेवर सीट पर रालोद ने अवतार सिंह भड़ाना को उतारा था। किसानों, गुर्जरों की नाराजगी व क्षेत्र के अन्य मुद्दों को भुनाते हुए सपा ने जीत के दावे किए थे। जनता ने दावों की हवा निकाल दी। सपा की हार के प्रमुख कारण निम्न रहे।
नेताओं की नई पौध नहीं कर सकी कमाल
सुरेंद्र नागर ने कई वर्ष पूर्व सपा से किनारा कर लिया था। नरेंद्र भाटी के जाने के बाद पार्टी में नई पौध तेजी से पनपी थी। साथ ही दूसरी पार्टी के नेताओं ने भी पार्टी का दामन थामा था। लेकिन दूसरी पार्टी से आने वाले नेताओं के साथ ही नई पौध भी इंटरनेट मीडिया से निकल जमीनी स्तर पर कुछ कमाल नहीं कर सकी।
कायम है जिला टूटने की टीस
सपा सरकार ने 2005 में जिला तोड़ दिया था। जिससे लोगों में सपा के प्रति भारी नाराजगी हो गई थी। जिला टूटने का जमकर विरोध हुआ था। लोगों के भारी विरोध को देखते हुए बाद में सपा ने जिला बहाल कर दिया था। लेकिन लोगों के दिलों में जिला टूटने का दर्द आज भी ताजा है।
शहरी वोटों को साधने में नहीं हुए सफल
जिले में गांव से ज्यादा वोट सेक्टर व सोसायटी में हैं। सपा प्रत्याशियों ने गांव के साथ ही शहरी वोटों को अपने पाले में लाने की भरपूर कोशिश की। गांव के वोट पाने में वह पूरी तरह से सफल रहे। लेकिन शहरी वोट 10 से 15 फीसद तक ही पा सकें। शहरी वोटरों ने सपा के साइकिल की हवा निकाल दी।
वरिष्ठ नेता के जाने से टूटा वोट
विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी जिले में सपा के सबसे वरिष्ठ नेता रहे थे। उनकी गिनती सपा के संस्थापक सदस्यों में होती है। गुर्जर के साथ ही अन्य जातियों में भी उनकी अच्छी पकड़ है। सपा में चल रही खींचतान के बीच विधानसभा चुनाव की घोषणा के कुछ माह पूर्व उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। वह अपने वोट बैंक को भाजपा के पाले में ले जाने में सफल रहे।