
Noida News पेशे से डाक्टर सेक्टर-61 निवासी एकता सिंह की यह पहली किताब है। इसमें उन्होंने अलग-अलग पृष्ठभूमि से जुड़े युवाओं की कहानी को जोड़ कर उच्च शिक्षित और बेहतर वेतन पाने वाले युवाओं की समस्याओं को उकेरा है।
नोएडा, संवाददाता। आज की सरपट दौड़ती जिंदगी में युवा को एक सुकून भरे ठहराव की जरूरत है। युवा सब कुछ पाने के बाद भी कुछ कमी महसूस कर रहे हैं। जिंदगी एक गैस चैंबर की तरह बन गई है। सर्चिंग माईसेल्फ डाटकाम किताब उस चैंबर में रोशनी पहुंचाने का काम करती है। यह कहना है किताब की लेखिका डा. एकता सिंह का।
युवाओं की समस्याओं को उकेरा
पेशे से डाक्टर सेक्टर-61 निवासी एकता सिंह की यह पहली किताब है। इसमें उन्होंने अलग-अलग पृष्ठभूमि से जुड़े युवाओं की कहानी को जोड़ कर उच्च शिक्षित और बेहतर वेतन पाने वाले युवाओं की समस्याओं को उकेरा है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ अध्यात्म पर दिया जोर
उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ अध्यात्म पर जोर दिया है, जिससे वह करियर, परिवार और रिश्तों के बीच समन्वय कर खुशहाल जीवन जी सके। किताब का उद्देश्य उन संदेशों को व्यक्त करना, जिनमें जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाने की क्षमता है।
कहानी के कई किरदार
किताब इस सवाल के साथ शुरू होती है कि हम अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं? सवाल एक आइआइटयन, एक योग प्रशिक्षक, एक मेडिकल छात्र, एक एमबीए और बीए की एक छात्रा की छात्रा से पूछा जाता है, जो कहानी के किरदार हैं।
तीन भाग में बंटी है कहानी
कहानी तीन भागों में बटी है। पहले में किरदारों के बीच जीवन के कुछ मूलभूत पहलुओं पर चर्चा। दूसरे में कालेज जीवन के किस्से और तीसरे में एक किरदार द्वारा लिखी गई डायरी है, जिसमें उसकी दैनिक शिक्षाओं का सार भी शामिल है। पुस्तक विमोचन केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किया। डा. एकता सिंह आइएएस अधिकारी डीपी सिंह की पत्नी है। डा. एकता सिंह ने किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ और लेडी हार्डिंग कालेज नई दिल्ली से पढ़ाई की है।