
साइबर ठगों के पास से 63 एटीएम कार्ड और 54 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस को इनके 72 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है। पुलिस ने बैंक में जमा नौ लाख रुपये भी फ्रीज कराए हैं। इन्होंने लोगों से करीब एक करोड़ की ठगी की है।
नई दिल्ली, संवाददाता। रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने एक नामी संस्थान में योग से इलाज का झांसा देकर ठगी करने वालों दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों दो साल से लोगों को शिकार बना रहे थे और अब तक 70 लोगों को ठग चुके थे। आरोपितों के पास से 63 एटीएम कार्ड और 54 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस को इनके 72 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है। पुलिस ने बैंक में जमा नौ लाख रुपये भी फ्रीज कराए हैं। इन्होंने लोगों से करीब एक करोड़ की ठगी की है।
गूगल पर खोजा था योग संस्थान का नंबर
जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल के अनुसार पेशे से ड्राइवर अनिल मुटरेजा ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी कि वह अपनी बेटी का योग के माध्यम से इलाज कराना चाहते थे। ऐसे में गूगल पर एक प्रसिद्ध योग संस्थान की वेबसाइट का संपर्क नंबर खोजा। उस नंबर पर बात की तो कहा गया कि परिसर में इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये जमा करने होंगे और एक बार जमा करने पर 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके बाद पीड़ित ने एक लाख 20 हजार रुपये जमा कर दिए।
रसीद नहीं मिलने पर हुआ ठगी का अहसास
पैसे जमा करने के बाद पीड़ित को कोई रसीद नहीं मिली। ऐसे में उन्हें ठगी का पता चला। उनकी शिकायत पर 27 फरवरी को मुकदमा दर्ज कर एसीपी ब्रह्मजीत सिंह की देखरेख में एसआइ विनीत, प्रवीन नरवाल को जांच की जिम्मेदारी दी गई। जांच में आधार पर 12 मार्च को वसुंधरा इलाके से गौतम और बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले मुद्रा लोन के नाम पर करते थे ठगी
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे पहले मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी कर रहे थे। फिर योग से इलाज के जरिये ठगी का तरीका खोज लिया। उन्होंने योग संस्थानों से मिलते जुलते नाम की चार वेबसाइट बनाईं। सभी इजराइल की वेबसाइट निर्माता कंपनी से पंजीकृत थे। पुलिस को इजराइल की वेबसाइट बनाने वाली कंपनी से ही आरोपितों के बारे में जानकारी मिली। आरोपितों ने वेबसाइटों पर योग से जुड़ी सामग्री को अपलोड कर वे खुद को योग संस्थान से जुड़ा बताकर लोगों को शिकार बनाते थे।