
आसमान में उल्कापात देख विमानों के पायलट चौंक गए। उन्हें पहले से ऐसे किसी खगोलीय घटना की सूचना नहीं थी। वे कुछ समझ नहीं पाए और उन्होंने तुरंत कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क किया। वहां भी सूचना नहीं थी
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । शनिवार शाम कोलकाता के आसपास आसमान में उड़ रहे 11 यात्री विमानों के पायलट अचानक उल्कापात होते देख चौंक गए। उन्हें इस खगोलीय घटना की पूर्व सूचना नहीं थी इसलिए पहले वे कुछ समझ नहीं पाए और उन्होंने तुरंत कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क किया। एटीसी के पास भी उस दिन उल्कापात की कोई जानकारी नहीं थी इसलिए उसे भी कुछ समझ में नहीं आया और उसने वायुसेना और डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गानाइजेशन से संपर्क कर यह जानने की कोशिश की कि आसमान में उनकी कोई गतिविधि तो नहीं चल रही। बाद में पता चला कि उल्कापात हुआ था।
केंद्र सरकार की संस्था पाजिशनल एस्ट्रोनामी सेंटर के अधिकारी संजीव सेन ने बताया कि शनिवार शाम उल्कापात होने की बात नहीं थी। अप्रैल के मध्य में ऐसी एक खगोलीय घटना होने की संभावना जरूर है। बीच-बीच में अचानक अंतरिक्ष में तैरने वाले धूल कण व पत्थर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं। वायु से घर्षण से धूल कण व पत्थर जलने लगते हैं। लगता है कि इस मामले में भी यही हुआ है।
ऐसी खगोलीय घटना की कोई पूर्व सूचना नहीं होती। गौरतलब है कि कई पायलटों ने एटीसी को बताया कि उन्होंने आसमान में आग का गोला देखा। कुछ पायलटों ने बताया कि आसमान में ऐसी तेज रोशनी फैल गई थी, जिससे कुछ देर के लिए उनकी आंखें चुंधिया गई। एक पायलट को लगा कि आगे कोई विमान आ गया है। उसी की रोशनी दिख रही है। उन्होंने एटीसी से पूछा कि आगे क्या ट्रैफिक है? इसके जवाब में एटीसी की तरफ से उन्हें आगे का रास्ता क्लीयर बताया गया। विभिन्न विमान रूटों पर ऊंचाई के विभिन्न स्तरों पर विमान उड़ा रहे पायलटों को यह नजारा दिख