ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन इंडिया ने श्रीलंका में 66वें सम्मेलन और प्रदर्शनी को किया स्थगित

 

ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन इंडिया (TAAI) की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा

श्रीलंका भोजन और ईंधन की कमी के साथ एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिससे द्वीप राष्ट्र में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं। वहीं इन सबके बीच ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन इंडिया के 66वें सम्मेलन और प्रदर्शनी को स्थगित कर दिया गया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। श्रीलंका आर्थिक संकट की मार झेल रहा है। वहीं देश में राजनीतिक अस्थिरता से सब कुछ तितर-बितर हुआ पड़ा है। जनता में आक्रोश का माहौल है। ऐसे में श्रीलंका में 19 अप्रैल से 22 अप्रैल तक होने वाले ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन इंडिया (TAAI) के 66वें सम्मेलन और प्रदर्शनी को, श्रीलंका में चल रही आर्थिक उथल-पुथल के कारण स्थगित कर दिया गया है। हालांकि पहले से चल रही TAAI की तैयारियों को लेकर TAAI की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा कि उन्हें अपनी प्रदर्शनी पर जनता की शानदार प्रतिक्रिया मिल रही थी।

TAAI की अध्यक्ष ने कहा

ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन इंडिया (TAAI) की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा, 'हमें कन्वेंशन पंजीकरणों के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसने 500 रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा पार कर लिया था। श्रीलंकाई पर्यटन संवर्धन ब्यूरो (SLTPB) और श्रीलंका एसोसिएशन ऑफ इनबाउंड टूर आपरेटर्स (SLAITO), श्रीलंकाई एयरलाइंस और कोलंबो में होटल के साथ सम्मेलन के लिए हमारी मेजबानी करने के लिए उत्सुक थे, जैसा कि TAAI था।' उन्होंने आगे श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि हालांकि, द्वीप राष्ट्र की आर्थिक तंगी ने उन्हें इस आयोजन को स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया है।

श्रीलंका में आर्थिक संकट

श्रीलंका एक बड़े तूफान का सामना कर रहा है। द्वीपीय राष्ट्र में वर्तमान आर्थिक और राजनीतिक स्थिति, डामाडोल हो चुकी है, जिसके कारण पूरे देश में अशांति का माहौल है। कई हिस्सों में जनता का गुस्सा फूट रहा है और वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में इंधन, बिजली, गैस और दैनिक आवश्यक चीजों की कमी देश को झकझोर कर रख दी है, मयाल ने बताया, 'यही कारण है कि हमें कोलंबो में सम्मेलन को स्थगित करने के लिए मजबूर किया है। किसी भी संकट की शुरुआत में सबसे पहले पर्यटन सबसे पहले प्रभावित होता है, लेकिन हम श्रीलंका में अपने समकक्षों के लिए दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं कि जैसे ही अवसर मिले, सम्मेलन को फिर से शुरू करके पर्यटन को पुनर्जीवित किया जाए।'

आपको बता दें कि डालर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपया तेजी से गिर रहा है और देश पर विदेशी कर्ज बढ़ रहा है। पर्यटन में गिरावट के कारण श्रीलंका सरकार की आय में भी भारी गिरावट का सामना कर रही है।