द्वारका के पोचनपुर गांव निवासी पीड़ित रंजीत सिंह अपने तीन मित्रों अशोक कुमार जांगिड़ अशोक कुमार और प्रवीन कुमार के साथ कनाडा में नौकरी करने की इच्छा से आरोपित गुरदीप सिंह से मिले। गुरदीप ने नौकरी दिलाने का आश्वासन देते हुए पीड़ितों को सत्य निकेतन स्थित अपने आफिस बुलाया था।
नई दिल्लीsurender Aggarwal । साउथ कैंपस थाना क्षेत्र में वीजा बनवाने और कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजों ने एक करोड़ रुपये ठग लिए। पीड़ितों ने वीजा और नौकरी न मिलने पर जब रुपये वापस मांगे तो मुख्य आरोपित ने खुद को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) का सदस्य बताते हुए राजनेताओं से संपर्क होने व पुलिस से शिकायत करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी।
पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मुख्य आरोपितों गुरदीप सिंह, नरेंद्र कौर, हरविंदर और राजवंत कौर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार द्वारका के पोचनपुर गांव निवासी पीड़ित रंजीत सिंह अपने तीन मित्रों अशोक कुमार जांगिड़, अशोक कुमार और प्रवीन कुमार के साथ कनाडा में नौकरी करने की इच्छा से आरोपित गुरदीप सिंह से मिले। गुरदीप ने नौकरी दिलाने का आश्वासन देते हुए पीड़ितों को सत्य निकेतन स्थित अपने आफिस बुलाया था। वे आफिस पहुंचे तो गुरदीप के साथियों हरविंदर और राजवंत कौर ने वीजा और विदेश में नौकरी के बदले प्रति व्यक्ति 25 लाख रुपये मांगे।
पीड़ितों ने एडवांस में पांच लाख रुपये और अपना पासपोर्ट गुरदीप सिंह की पत्नी नरेंद्र कौर को दे दिए। गुरदीप के कहने पर पीड़ितों ने 14 लाख रुपये और एडवांस में दे दिए। बाद में वीजा आने की बात कहकर आरोपितों ने 20 लाख रुपये और ले लिए। इसके बाद आरोपितों ने हवाई जहाज के टिकट और विदेश में रहने-रुकने की व्यवस्था के लिए 20 लाख और लिए। पीड़ितों ने जब नौकरी के बारे में जानना चाहा तो आरोपितों ने उन्हें बाकी के 41 लाख देकर आफिस से वीजा व अपने पासपोर्ट ले जाने के लिए कहा।
पीड़ित आफिस पहुंचे तो राजवंत कौर ने उन्हें वीजा लगे उनके पासपोर्ट की फोटोकापी दी और मेन पासपोर्ट व वीजा एयरपोर्ट पर देने की बात कही। इस पर पीड़ितों ने बाकी 41 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद गुरदीप सिंह ने पीड़ितों का फोन उठाना बंद कर दिया। संदेह होने पर पीड़ितों ने फोटोकापी वाले वीजा के बारे में पता किया तो वह फर्जी निकला। जब पीड़ित स्वजन के साथ गुरदीप सिंह से मिले और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही तो उसने 15 लाख तुरंत वापस कर दिए।
बाकी के 85 लाख रुपये भी एक साल के अंदर लौटाने की बात कही। 18 महीने बाद भी पैसे न मिलने पर पीड़ित आरोपित के पास पहुंचे तो आरोपित खुद को एआइसीसी का सदस्य बताने लगा और बड़े राजनेताओं से संपर्क होने की बात कहकर अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद पीड़ितों ने मामला दर्ज कराया।