केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- द कश्मीर फाइल्स फिल्म आने वाली पीढ़ियों को कश्मीर का सही इतिहास समझने में मार्गदर्शन करेगी

 

द कश्मीर फाइल्स फिल्म की सफलता पर बधाई समारोह में पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री

नितिन गडकरी द कश्मीर फाइल्स फिल्म की सफलता पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित बधाई समारोह में पहुंचे थे। यह फिल्म आने वाली पीढि़यों को कश्मीर का सही इतिहास समझने में मार्गदर्शन करेगी। कश्मीर हमारे देश का हमेशा से ही महत्वपूर्ण अंग है।

नई दिल्ली,  संवाददाता। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कश्मीर हमारे देश का हमेशा से ही महत्वपूर्ण अंग है और इसे देश के अन्य प्रदेशों से जोड़ने के लिए नए मार्गो का निर्माण किया जा रहा है। लद्दाख लेह से मनाली तक के लिए चार सुरंग सड़कें बनाई जा रही हैं जो जूजिला से श्रीनगर, श्रीनगर से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़कर देश के अन्य प्रदेशों में जाएंगी। इससे कश्मीर जाने वाले लोगों की आवाजाही बढ़ेगी।

नितिन गडकरी द कश्मीर फाइल्स फिल्म की सफलता पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित बधाई समारोह में पहुंचे थे। लाइफ इन सिंक विद यूनिवर्सल लाज (एलआइएसयूएल) और ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, पद्म भूषण अनुपम खेर और पल्लवी जोशी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर एलआइएसयूएल के सीईओ स्वामी परम आनंद, जीकेपीडी के इंटरनेशनल कोआर्डिनेटर उत्पल कौल और श्याम जाजू भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य इंद्रेश कुमार ने वीडियो मैसेज के माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान परिसर में भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे।

नितिन गडकरी ने विवेक अग्निहोत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह फिल्म आने वाली पीढि़यों को कश्मीर का सही इतिहास समझने में मार्गदर्शन करेगी। इंद्रेश कुमार ने अन्य पार्टियों के नेताओं और फिल्म को घृणास्पद बताने वाले लोगों से पूछा कि जब घाटी में इंडियन डाग्स, गो बैक जैसे नारे लग रहे थे तो इसके लिए उन लोगों ने क्या किया? जबकि उन्होंने और संघ ने जी-जान से जुटकर कश्मीरी पंडितों की मदद की। इसको लेकर आतंकियों ने तीन बार उन पर हमला भी किया।

सत्य 25 साल के बाद आया सामने

अनुपम खेर ने कहा कि इस फिल्म को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। सत्य 25 सालों के बाद लोगों के सामने आया है। फिल्म में विश्व के कोने-कोने में मौजूद कश्मीरी पंडितों और भारतीयों के दिल को छुआ है। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि कहा कि कश्मीर ज्ञान और दर्शन का केंद्र बिंदु है। पूरी फिल्म में किसी पार्टी, धर्म व देश की बुराई नहीं की गई, फिर भी कुछ लोग फिल्म को लेकर तिलमिलाएं हुए हैं।

पल्लवी जोशी ने इस तरह की और भी फिल्में आने की बात कही। उत्पल कौल ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने अपनी अरबों की संपत्ति कश्मीर में छोड़ दी। उसके बाद भी विश्व और देश के अलग-अलग हिस्से में जाकर अपने आप को स्वाभिमान के साथ जीवित रखा है। हमें द कश्मीर फाइल्स से कमाए हुए पैसों की मदद नहीं चाहिए। कश्मीर त्रासदी का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा इस फिल्म के माध्यम से दुनिया के सामने आया है। बाकी के हिस्से को भी द कश्मीर फाइल्स-2 बनाकर दुनिया को दिखाया जाए।