घर में कम करना है प्रदूषण का असर, तो लीजिए दिल्ली की नीलम से प्रेरणा, छत पर कर रहीं बागवानी

 

शाहदरा की रहने वाली नीलम त्यागी ने अपने घर की छत को गार्डन में बदल दिया है।

नीलम ने बताया कि उन्हें बचपन से ही पौधे लगाने का शौक रहा है। बचपन में भी वह अपने घर पर बोतलों में मनी प्लांट लगाती थीं। अपनी छत पर विभिन्न प्रकार के फूल सब्जी सहित कई औषधीय पौधे भी लगाए हैं।

नई दिल्ली, संवाददाता। शाहदरा के बलबीर नगर क्षेत्र में रहने वाली नीलम त्यागी ने अपने घर की छत को गार्डन में बदल दिया है। पिछले 15 वर्षों से वह अपनी छत पर बागवानी कर रही हैं। घर में रखी पुरानी प्लास्टिक की बोतल, डिब्बे और पालिथीन का उपयोग करते हुए उन्होंने वेस्ट से का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करते हुए घर की छत पर कई पौधे हैं। बोतलों और डिब्बों को रंगकर कर व उनमें कलाकारी कर उन्होंने सुंदर गमले तैयार किए हैं, जिनमें कई तरह के पौधे लगाए हैं।

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हरियाली से वातावरण होगा शुद्ध

नीलम ने बताया कि उन्हें बचपन से ही पौधे लगाने का शौक रहा है। बचपन में भी वह अपने घर पर बोतलों में मनी प्लांट लगाती थीं। वह कहती हैं कि छत पर हरियाली होने से घर का वातावरण भी शुद्ध हो गया है। नीलम ने अपनी छत पर विभिन्न प्रकार के फूल, सब्जी सहित कई औषधीय पौधे भी लगाए हैं।

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हरियाली के बीच योग का आनंद

नीलम भारतीय योग संस्थान से जुड़ी हुई हैं। वह कहती हैं कि छत पर हरियाली के बीच योग कर उन्हें काफी तरोताजा और स्वस्थ महसूस होता है। वह अपने आस पड़ोस व रिश्तेदारों को भी अपना गार्डन दिखाकर पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्हें देखकर आस पड़ोस के कई घरों में महिलाओं ने पौधे लगाने शुरू किए हैं। साथ ही महिलाएं वेस्ट बोतलों और डिब्बों को गमले के रूप में उपयोग कर उनमें ही पौधे लगा रही हैं।

किचन वेस्ट से तैयार करती हैं खाद

नीलम ने बताया कि वह खाद भी स्वयं घर पर ही तैयार करती हैं। गार्डन बनाने के उद्देश्य से वह किचन से निकलने वाले गीले कचरे का उपयोग करके होम कंपोस्टिंग के जरिए खाद बनाती हैं, जिसका उपयोग वह बागवानी के लिए करती हैं। इससे पौधे हरे भरे और जल्दी बढ़ते हैं। छत पर हरियाली होने से उनकी छत पर रोज पक्षियों की चहचहाट भी सुनने को मिलती है।

उगा रही सब्जियां

नीलम त्यागी अपने गार्डन में कई तरह की सब्जियां भी उगाई हैं। जिसमें बैंगन, धनिया, मिर्च, पुदीना, जैविक सब्जियां प्राप्त होती रहती ह

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