
सिंगर लकी अली ने कर्नाटक में चल रहे हलाल विवाद पर शनिवार को अपनी फेसबुक पर एक पोस्ट साथ कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हलाल उत्पाद इस्लाम से बाहर के किसी के लिए भी नहीं है।
नई दिल्ली। कर्नाटक में हाल ही में कुछ संगठनों के द्वारा हलाल मांस के बहिष्कार करने के एलान के बाद अब बॉलीवुड सिंगर लकी अली ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। और कर्नाटक में चल रही इस तीखी बहस को शांति की ओर मोड ने का प्रयास किया है।
पीटीआई के अनुसार उन्होंने इस पोस्ट को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखा है। सिंगर ने अपनी पोस्ट में लिखा, प्यारे भारतीय भाईयों और बहनों, उम्मीद है कि आप सभी अच्छे होंगे... मैं आपको कुछ समझाना चाहाता था...हलाल निश्चित रूप से इस्लाम के बाहर किसी के लिए नहीं है। ये सिर्फ इतना है कि कोई भी मुसलमान अपने यहूदी रिश्तेदारों की तरह कोई उत्पाद नहीं खरीदेगा, जो हलाल को कोशेर के समान समझते हैं और तब तक कोई सामान नहीं खरीदेंगे जब तक कि ये साबित न हो जाए कि वस्तु के अंदर की सामग्री उसके अनुसार है या नहीं।लकी अली ने अपनी पोस्ट में लिखा, अब कंपनिया मुस्लिम और यहूदी आबादी सहित सभी को समान बेच रही हैं। इसलिए अपनी वस्तु को बेचने के लिए उन्हें इसको हलाल प्रमाणित या कोशेर प्रमाणित के रूप में लेबल करना होगा..अन्यथा मुसलमान और यहूदी उनसे नहीं खरीदेंगे।
उन्होंने कहा, ब्रांड अगर अपने उत्पाद लेबल से हलाल शब्द को हटा लेता है तो इनकी बिक्री में परेशानी आ सकती है। हलाल शब्द से परेशान होकर उन्हें इसे अपने काउंटरों से हटा देना चाहिए। लेकिन कोई ये अनुमान नहीं लगा सकता कि उनकी बिक्री वैसी ही होगी जैसी वे पहले करते थे।
वहीं, 31 मार्च को कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने हलाल से संबंधित मुद्दे पर अपनी राय देते हुए कहा, हलाल भोजन का बहिष्कार अभियान कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है, बल्कि आस्था और भावनाओं से जुड़ी है, जिसे हर कोई जानता है। हाल ही में कुछ संगठनों ने हिंदु नववर्ष से पहले राज्य में हलाल मांस के बहिष्कार का एलान किया था। साथ ही कर्नाटक में हिंदु धर्मिक स्थलों के पास लगने वाले मेलों में मुस्लिम विक्रेताओं पर प्रतिबंध का भी एलान किया गया था।