सालिड फ्यूल डक्टेड रामजेट ( SFDR) के उड़ान का सफल परीक्षण किया। SFDR को हैदराबाद के रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला (Defence Research and Development Laboratory DRDL) द्वारा विकसित किया गया है। इसमें DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की RCI व पुणे की HEMRL ने सहयोग दिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation, DRDO) ने शुक्रवार को सालिड फ्यूल डक्टेड रामजेट (Solid Fuel Ducted Ramjet, SFDR) के उड़ान का सफल परीक्षण किया। SFDR को हैदराबाद के रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला (Defence Research and Development Laboratory, DRDL) द्वारा विकसित किया गया है। इसमें DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की RCI व पुणे की HEMRL ने सहयोग दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) ने इस मौके पर DRDO को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह देश में जटिल मिसाइल तकनीक के विकास का अहम पड़ाव है। डिजाइन, विकास व टेस्टिंग के कार्यों में जुटी टीमों को बधाई देते हुए DRDO के अध्यक्ष डा. सतीश रेड्डी ने कहा कि SFDR के सफल ट्रायल के बाद हवा से हवा में मिसाइलों की दूरी बढाई जा सकेगी।
यह रैमजेट अधिक लंबी दूरी वाले हवाई खतरों को भी सुपरसोनिक गति से रोकने व उन्हें भेदने में सक्षम बनाती है। बता दें कि परीक्षण की सफलता की पुष्टि ITR द्वारा तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-आप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) जैसे कई रेंज उपकरणों द्वारा कैप्चर डेटा से की गई है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह देश में महत्वपूर्ण मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है।