JNU clash कुलसचिव ने अपने बयान में कहा कि वार्डन और डीन ने बीच बचाव किया और शांति व्यवस्था कायम करवाई। जिसके बाद हवन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। वहीं झगड़े के बाद शांति स्थापित करने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं।
नई दिल्ली । वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा रामनवमी पूजा के विरोध से शुरू हुए बवाल पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी किया है। जेएनयू कुलसचिव प्रो. रविकेश ने बयान जारी कर पूरा घटनाक्रम साझा किया। उन्होने बताया कि रविवार को छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। दरअसल, रामनवमी पर कावेरी छात्रावास के छात्र पूजा और हवन करना चाहते थे। छात्रों का एक धड़ा पूजा का विरोध कर रहा था। विरोध बढ़ा तो वार्डन और स्टूडेंट वेलफेयर डीन प्रो. सुधीर प्रताप सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। कुलसचिव ने अपने बयान में कहा कि वार्डन और डीन ने बीच बचाव किया और शांति व्यवस्था कायम करवाई। जिसके बाद हवन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। हालांकि छात्रों का एक धड़ा इससे नाखुश नहीं था। बहुत जल्द डिनर के समय दोनों छात्र समूहों के बीच कहासुनी होने लगी जो देखते ही देखते धक्कामुक्की में तब्दील हो गई। वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा झगड़े के पीछे नानवेज को कारण बताने पर भी जेएनयू प्रशासन ने सफाई दी है।
जेएनयू कुलसचिव ने अपने बयान में कहा है कि छात्रावास मेस का संचालन छात्रों द्वारा गठित एक कमेटी करती है। इसमें जेएनयू प्रशासन का कोई रोल नहीं होता है।
वहीं झगड़े के बाद शांति स्थापित करने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। जेएनयू कुलसचिव ने बताया कि खुद कुलपति प्रो. शांतिश्री पंडित कावेरी छात्रावास पहुंची। उन्होने स्थिति का जायजा लिया और छात्रों से बातचीत भी की। उन्होने कहा कि जेएनयू उच्च प्रतिष्ठा वाला शैक्षणिक संस्थान है। जेएनयू में बहस की स्वस्थ्य परंपरा रही है। कुलसचिव ने छात्रों ने शांति बनाए रखने की अपील की। ताकि शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित ना होने पाएं।
उधर, जेएनयू में दो समूहों के बीच हुई हाथापाई के खिलाफ सरदार पटेल भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर कुछ अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।