पाकिस्‍तान के उत्तरी वजीरस्तान में आत्मघाती हमला, 3 पाक सैनिकों और 3 बच्चों की मौत

 

उत्तरी वजीरिस्तान के मीरनशाह इलाके में आत्मघाती हमले में तीन पाकिस्तानी सैनिक और तीन बच्चे मारे गए।

Pakistan Suicide Attack पाकिस्‍तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने रविवार को कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीरनशाह इलाके में आत्मघाती हमले में तीन पाकिस्तानी सैनिक और तीन बच्चे मारे गए। आतंकवादियों ने अफगानिस्तान से सीमा पार की और पाकिस्तानी सैनिकों पर गोलियां चलाईं।

इस्लामाबाद, आईएएनएस। पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के सैनिक आए दिन आमने- सामने होते हैं। इसी कड़ी में पाकिस्‍तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने रविवार को कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीरनशाह इलाके में आत्मघाती हमले में तीन पाकिस्तानी सैनिक और तीन बच्चे मारे गए। आईएसपीआर के अनुसार, आतंकवादियों ने अफगानिस्तान से सीमा पार की और पाकिस्तानी सैनिकों पर गोलियां चलाईं। 

अफगानिस्‍तान सीमा पर लगातार हो रही वारदात

आईएसपीआर ने कहा, हमें उम्मीद है कि अफगान सरकार भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होने देगी। पिछले महीने, दक्षिण वजीरिस्तान के सरोघा इलाके में सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों के हमले में दो सैनिकों की मौत हो गई थी। 23 अप्रैल को उत्तरी वजीरिस्तान के देवागर इलाके में सीमा पार हमले का जवाब देते हुए तीन सैनिकों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान ने इस तरह के हमले शुरू करने के लिए अफगानिस्तान के क्षेत्र के इस्तेमाल की निंदा की है। हाल के दिनों में पाकिस्तानी सैनिकों पर सीमा पार से हमले बढ़े हैं।

डूरंड रेखा की वजह से दोनों देश के बीच बढ़ा तनाव

डूरंड रेखा की वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है। पाक और अफगानिस्तान की सीमाओं पर संभावित शत्रुता के पाकिस्तानी खुफिया आकलन के बावजूद अफगानिस्तान की ओर से लगातार हमले हुए हैं।

हमले इतने भयंकर और तीखे थे कि पिछले 17 अप्रैल को पाकिस्तान को औपचारिक रूप से काबुल से पाक-अफगान सीमा क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए आग्रह करना पड़ा, ताकि दो 'भाई' देशों की शांति और प्रगति के हित में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। डूरंड क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसे सबसे पहले, अंग्रेजों और फिर पाकिस्तान ने छीन लिया था जो मूल रूप से अफगानिस्तान का था। आज भी ज्यादातर पठान परिवार इस बंटवारे को मानने से इन्‍कार करते हैं।