महिला को मौत के घाट उतारने के मामले में पति व सौतन दोषी करार, कोर्ट ने पड़ोसन की गवाही पर सुनाया फैसला

दोनों ने गवाही में बताया कि शीला उनकी दुकान में काम करती थी। पड़ोसन अनीता ने गवाही दी कि सरस्वती को दोनों दिन उसके पति और सौतन शीला ने पीटा था। यह भी कोर्ट को बताया कि शीला उनके घर 16-17 सालों से रह रही है।
नई दिल्ली Anuradha Aggarwal। पीट-पीट कर फर्श बाजार इलाके में महिला को मौत के घाट उतारने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पति और सौतन को गैर इरादतन हत्या करने का दोषी माना है। मृतका के बच्चों ने गवाही में कहा कि उनकी मां की मौत सीढ़ी से फिसलने के कारण लगी चोट से हुई, जबकि पड़ोसन ने गवाही दी कि पिटाई की वजह से महिला की जान गई। पड़ोसन ने कोर्ट में यह भी बताया कि महिला को उसके पति और सौतन पीटा था। मृतका के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर की गवाही ने निर्णायक भूमिका अदा की।
डाक्टर ने पूछने पर कोर्ट को बताया कि सीढ़ी से गिरने से इस तरह की चोटें नहीं लगती, किसी ने मुक्के या जोरदार वार से ऐसे जख्म होते हैं। डाक्टर और पड़ोसन के बयान मेल खाने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता के कोर्ट ने आरोपितों को दोषी करार दिया।फर्श बाजार इलाके के भोलानाथ नगर में नौ सितंबर 2015 को सरस्वती की मौत हुई थी।
पुलिस के मुताबिक मृतका की बेटी सीमा ने शुरुआती बयान दिया था कि पिता मोहन लाल और उसकी दूसरी पत्नी के तौर पर घर में रह रही शीला ने आठ सितंबर 2015 को उनकी मां ने पीटा था, सिर दीवार पर मारा था। अगले दिन नौ सितंबर 2015 को भी सरस्वती की पिटाई की गई थी। इलाज के दौरान डा. हेडगेवार अस्पताल में सरस्वती ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर मोहन लाल और शीला को आरोपित बनाया गया था।
कोर्ट में मामला पहुंचने पर मृतका की बेटी सीमा ने गवाही दी कि उसकी मां का पैर सीढ़ी से फिसल गया था, जिससे वह नीचे गिर गई थीं। साथ ही कोर्ट को बताया कि शीला उनके यहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती है। उसने पुलिस को दिए बयान से इन्कार करते हुए कहा कि उससे तीन-चार खाली कागजों पर पुलिस कर्मियों ने हस्ताक्षर ले लिए थे।
मृतका के दो बेटों राहुल और संजस ने गवाही में मां के सीढ़ी से गिरने की बात बताई, लेकिन शीला को लेकर विरोधाभासी बयान दिया। दोनों ने गवाही में बताया कि शीला उनकी दुकान में काम करती थी। पड़ोसन अनीता ने गवाही दी कि सरस्वती को दोनों दिन उसके पति और सौतन शीला ने पीटा था। यह भी कोर्ट को बताया कि शीला उनके घर 16-17 सालों से रह रही है। इससे पहले भी सरस्वती के साथ मारपीट होती रही है।
आरोपित मोहन लाल ने बयान दिया कि उसका सरस्वती से रिश्ता मधुर था। साथ ही कहा की शीला उसके साथ नहीं रहती थी और उसकी वजह से किसी तरह का झगड़ा नहीं था।कोर्ट ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर का पक्ष भी जाना।
कोर्ट ने डाक्टर के बयान से पाया कि मृतका के बच्चे सही नहीं बोल रहे। साथ ही पाया कि डाक्टर और पड़ोसन का बयान मेल खाता है। कोर्ट ने माना कि यह हत्या का नहीं, गैर इरादतन हत्या का मामला है। ऐसे में कोर्ट ने आरोपित मोहन लाल और शीला को गैर इरादतन हत्या का दोषी माना है।