गाड़ियों में कैसे काम करता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस? एक्स्पर्ट्स से जानें

 

गाड़ियों में कैसे काम करता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस? एक्स्पर्ट्स से जानें

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी तकनीक है जो सामान्य तौर पर वाहनों में सॉफ्टवेयर पर काम करती है। कार से जुड़े सभी सेंसरों द्वारा भेजे गए आंकड़ों को निर्णय लेने के लिए इकट्ठा किया जाता है कनेक्ट किया जाता है और उसका अनुकरण किया जाता है।

नई दिल्ली। भारतीय कार बाजार काफी बड़ा है, जहां एक से बढ़कर एक आधुनिक कारें उपलब्ध हैं। कारों को और भी अधिक आधुनिक बनाने के लिए वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी गाड़ियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें नहीं मालूम है कि गाड़ियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है। इसलिए इस विषय पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाड़ियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है और इसपर ऑटो एक्सपर्ट्स की क्या है राय

क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ?

फिल्मों में आपने अक्सर ये शॉट देखा होगा कि विलेन या हीरो की एंट्री के वक्त दर्शकों में थ्रिल पैदा करने के लिए कमरे की बत्तियां खुद-ब-खुद जलने लगती हैं और शख्स जैसे-जैसे आगे बढ़ता पीछे वाली लाइटें बुझने लगती हैं। यह शॉट थ्रिलर पैटर्न का हिस्सा है। कुछ ऐसा ही नई हाई-टेक कारों में प्रयोग किया गया है। मसलन गर्मी लगने पर एसी की कूलिंग खुद-ब-खुद बढ़ जाए या गाड़ी स्टार्ट करते वक्त साइड व्यू मिरर का खुलना, ये ऐसे उदाहरण हैं, जो आम आदमी के सफर को शानदार बनाते हैं। इनके पीछे जो तकनीक काम करती है वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। यानी आपने जो महसूस किया, तकनीक ने उसे जानकर कार में अप्लाई कर दिया। स्पीड का खुद- ब खुद कम हो जाना, सीट एडजेस्टमेंट, हेडलाइटों का जलना, टायरों में एयर प्रेशर कम होने की जानकारी देना, सीट बेल्ट का एलर्ट, डोर ओपेन का एलर्ट आदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैसे करता है काम?

अल्टीग्रीन के फाउंडर और सीईओ अमिताभ शरण ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन को कम्प्यूटर ऑन व्हील्स कहा जा सकता है। यह AI पर आधारित है। ईवी का हर कंपोनेंट्स अपनी मौजूदा स्थिति एवं आस-पास के वातावरण के अनुसार डेटा जनरेट करता है। यह डेटा ऑन-बोर्ड माइक्रोप्रोसेसर पर जनरेट होता है, जो मैकेनिकल पार्ट्स पर नियन्त्रण रखता है। उदाहरण के लिए ईवी के सबसे महत्वपूर्ण भाग यानि बैटरी पैक की बात करें तो इसमें एक बीएमएस होता है जो पैक में हर सैल की स्थिति, वोल्टेज और करेंट, रीचार्ज की स्थिति, बैटरी के स्वास्थ्य एवं आस-पास के वातावरण के बारे में डेटा उत्पन्न करता है।

जानें कैसे काम करती है एआई बेस्ड एल्गोरिदम

एआई आधारित एल्गोरिदम इस डेटा का उपयोग कर पैक के लिए उपलब्ध ड्राइविंग रेंज तथा बैटरी की शेष लाईफ के बारे में पूर्वानुमान लगा लेता है। एआई का उपयोग कर ईवी के किसी भी अवयव में होने वाली संभावी असफलताओं का अनुमान लगाया जा सकता है। ‘परफेक्ट’ मोटर के डेटा सैम्पल पर ध्यान दें और इसकी तुलना मोटर से करें तो मोटर या इसके कंट्रोलर में भावी असफलताओं की संभावनाओं को पहचाना जा सकता है। उचित सावधानियां बरत कर वाहन के डाउनटाईम की संभावना को भी पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है (खासतौर पर उस समय जब काम ज़्यादा हो), इससे ड्राइवर को लाभ होगा।

इन फीचर्स को कंट्रोल करता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?

हेक्सागन के मैन्यूफैक्चरिंग इंटेलिजेंस डिवीजन के मार्केटिंग डॉयरेक्टर डॉ. कौस्तुभ ने जागरण को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी तकनीक है जो सामान्य तौर पर वाहनों में सॉफ्टवेयर पर काम करती है। कार से जुड़े सभी सेंसरों द्वारा भेजे गए आंकड़ों को निर्णय लेने के लिए इकट्ठा किया जाता है, कनेक्ट किया जाता है और उसका अनुकरण किया जाता है। यह आवश्यक रूप से पैटर्न का पता लगाने की कोशिश करता है और स्वचालित कारों में मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग का उपयोग कर प्रक्रिया को प्रभावित करता है और स्टीयरिंग और ब्रेक जैसे जरूरी सिस्टमों के क्रियान्वयन को नियंत्रित करता है।