गंडक नदी में मिले शालिग्राम ने लिया ठा. राधारमणलाल का स्वरूप, सप्त देवालय में मंदिर है शामिल

 

Radha Raman ju Temple: वृंदावन स्थित राधा रमण मंदिर में श्रंगारित विग्रह।

Radha Raman ju Temple वृंदावन में प्राकट्योत्सव पर राधा रमण मंदिर में सुबह होगा महाभिषेक शाम को गोपालोत्सव। मंदिर निर्माण के बाद आचार्य गोपाल भट्ट के वंशज आज भी उनके द्वारा शुरू की गई परंपराओं का निर्वहन करते हैं।

आगरा,  संवाददाता। साधकों की भूमि वृंदावन में साधना करने वाले हर साधक के अपने साध्य रहे हैं। दक्षिण भारत से आए आचार्य गोपाल भट्ट कालिंदी किनारे अपने शालिग्राम की सेवा करते थे। ये शालिग्राम की शिला उन्हें दक्षिण भारत में स्थित गंडक नदी में स्नान के दौरान मिली। शालिग्राम की सेवा में रत आचार्य गोपाल भट्ट की साधना से प्रसन्न हो और उनकी इच्छा के अनुरूप ठा. राधारमणलालजू ने वैशाख शुल्क पक्ष की पूर्णिमा के दिन भोर में विग्रह रूप लिया।

गंडक नदी से प्राप्त शालिग्राम शिला से विग्रह रूप में आज ठा. राधारमणलाल भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। मंदिर निर्माण के बाद आचार्य गोपाल भट्ट के वंशज आज भी उनके द्वारा शुरू की गई परंपराओं का निर्वहन करते हैं। मंदिर सेवायत अनुराग गोस्वामी बताते हैं, चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख शिष्यों में से एक आचार्य गोपाल भट्ट गोस्वामी को दक्षिण भू-भाग स्थित गंडक नदी में स्नान के दौरान शालिग्राम जी की शिला प्राप्त हुई थी। इसकी भट्ट गोस्वामी पूर्ण श्रद्धा से पूजा सेवा करते थे। एक दिन गोस्वामी के ह्रदय में विचार आया कि अगर यह शिला भी विग्रह रूप में होती तो वह भी अपने लाडले आराध्य का अलौकिक श्रंगार करते। ठाकुरजी ने भी अपने भक्त की पुकार सुन ली और स्वयं श्री विग्रह स्वरूप में प्रकट हो गए। तभी से वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ठाकुर राधारमण लाल जू का प्राकट्योत्सव परंपरागत रूप से मनाया जाता है।

प्राकट्योत्सव पर कल होगा महाभिषेक

ठा. राधारमणलालजू के प्राकट्योत्सव सोमवार को धार्मिक अनुष्ठानों संग मनाया जाएगा। मंदिर सेवायत गोस्वामी भक्तवत्सलम अनिल ने बताया प्राकट्य महोत्सव में नाम संकीर्तन, पुष्पवाटिका, चौसठ महंत सेवा, छप्पनभोग, झाला भोग एवं वैष्णव सेवा जैसे अनुष्ठान होंगे। सोमवार की सुबह 8.30 से 10.30 बजे तक ठा. राधारमणलालजू का पंचामृत से महाभिषेक होगा। बताया मंदिर के इतिहास में पहली बार होगा कि ठाकुरजी के प्राकट्योत्सव के दिन नंदोत्सव की परंपरा के अनुसार शाम गो गोपालोत्सव का आयोजन होगा।