एनीमिया से ग्रस्त मरिजों की ट्रैकिंग एप से हो रही है निगरानी, रक्त की कमी दूर करेगा स्वास्थ्य विभाग

 

रक्त की कमी दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य तय कर रखा।

हरियाणा को एनीमिया मुक्त करने की कवायद चल रही है। खून की कमी से कैसे बचें। इस बारे में भी मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है। ऐसे लोगों में हर सप्ताह कितना सुधार हुआ है इसी का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग एप की मदद ली जा रही है।

बहादुरगढ़, संवाददाता। जिन लोगों में हाल ही में जांच के दौरान खून की कमी पाई गई है, उनकी ट्रैकिंग एप से निगरानी हो रही है। उनमें रक्त की कमी दूर करने का स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य तय कर रखा है। एनीमिया के शिकार ऐसे नागरिकों को विभाग द्वारा दवा भी दी जा चुकी है। जब तक उनमें रक्त की कमी दूर नहीं होती, तब तक उनकी निगरानी जारी रहेगी।

हजारों लोगों ने की करवाई जांच

दरअसल, इस माह के पहले सप्ताह को विभाग द्वारा एनीमिया सप्ताह के रूप में मनाया गया था। इसी के तहत झज्जर जिले में भी हजारों लोगों की जांच की गई थी। इनमें से काफी में खून की कमी पाई गई थी। केवल महिलाओं ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी रक्त की कमी थी।

ट्रैकिंग एप की मदद से ली जा रही जानकारी

एनीमिया सप्ताह मनाने का उद्देश्य भी विभाग का यही था कि कितने लोगों में रक्त की कमी है, इसका पता लगाया जाए। अब ऐसे नागरिकों को एनीमिया मुक्त करने की कवायद चल रही है। खून की कमी से कैसे बचें। इस बारे में भी मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है। ऐसे लोगों में हर सप्ताह कितना सुधार हुआ है इसी का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग एप की मदद ली जा रही है।

संतुलित खान-पान से दूर हो सकती है रक्त की कमी

अब विभाग द्वारा जो निगरानी की जा रही है, उसमें लोगों के अंदर संतुलित खान-पान की आदत को बढ़ावा देना है। कौन सी चीजें शरीर में रक्त की कमी काे दूर करती हैं, उन पर जोर देने की सलाह दी जा रही है। साथ ही जिन चीजों से शरीर को हानि होती है ऐसी चीजों का परहेज रखने को प्रेरित किया जा रहा है। शरीर को स्वस्थ रखने को सबसे जरूरी है पाचन तंत्र का सही होना। जब खाना ठीक से पचेगा तो शरीर में खून की कमी भी दूर होगी।

यह है स्थिति

झज्जर जिले में एक सप्ताह के दौरान कुल 12 हजार 498 लोगों में खून की जांच की गई। इनमें से छह से 59 माह के 1363, पांच से नौ साल के 559, 10 से 19 साल के 560, 20 से 49 साल के तीन हजार 82, गर्भवती महिलाएं 923, अन्य श्रेणी में चार हजार 836 की जांच की गई। जिला नोडल अधिकारी डा. संजीव मलिक ने बताया कि इनमें से चार हजार 633 में मध्यम दर्जे की कमी पाई गई। जबकि 532 ऐसे मिले, जो खून की कमी कहीं ज्यादा मिली।