
Delhi Water Crisis News दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक चंद्रावल वजीराबाद व ओखला जल शोधन संयंत्र से आपूर्ति करीब 50 प्रतिशत कम हो गई है। इससे रविवार को दिल्ली के कई इलाकों पानी की किल्लत हुई है।
नई दिल्ली surender Aggarwal। वजीराबाद में यमुना का जल स्तर पिछले कुछ दिनों से कम बना हुआ है। दिल्ली बोर्ड के अनुसार शनिवार को वजीराबाद में यमुना के जल स्तर में और कमी आ गई है। इस वजह से दिल्ली जल बोर्ड के चंद्रावल, वजीराबाद व ओखला जल शोधन संयंत्र से आपूर्ति करीब 50 प्रतिशत कम हो गई है। इस वजह से उत्तरी दिल्ली, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली छावनी व दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। यमुना के जल स्तर में सुधार होने तक पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को तीसरी बार यमुना में पानी छोड़ने के लिए पत्र लिखा गया है। वजीराबाद में दो दिन पहले जल स्तर 671.80 फुट था। मौजूदा समय में जल स्तर घटकर 670.40 फुट हो गया है, जबकि वजीराबाद में यमुना का सामान्य जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए।
बता दें कि जल बोर्ड वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र के लिए 80 प्रतिशत पानी यमुना से उठाता है। करीब 20 प्रतिशत पानी मूनक नहर से दोनों संयंत्रों में पहुंचता है। इन दोनों संयंत्रों से ही ओखला जल शोधन संयंत्र में भी पानी पहुंचता है।
जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि यमुना में जल स्तर कम होने के साथ-साथ मूनक नहर से भी पानी थोड़ा कम आ रहा है। इस वजह से समस्या बढ़ी है और रविवार को सिविल लाइन समेत कई इलाकों जलआपूर्ति प्रभावित रहेगी।
ये रही जल संकट से प्रभावित प्रमुख इलाकों की सूची
- सिविल लाइन्स
- हिंदू राव अस्पताल
- शक्ति नगर
- कमला नगर
- करोल बाग
- पहाड़गंज
- ओल्ड राजेंद्र नगर
- न्यू राजेंद्र नगर
- पटेल नगर
- इंद्रपुरी, कालकाजी
- गोविंदपुर
- तुगलकाबाद
- अंबेडकर नगर
- दिल्ली गेट
- सुभाष पार्क
- माडल टाउन
- पंजाबी बाग
- मूलचंद
- ग्रेटर कैलाश
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, इन इलाकों के अलावा कई अन्य जगहों पर पानी
की आपूर्ति प्रभावित होगी। वहीं, पेयजल किल्लत होने पर लोग पानी के टैंकर
के लिए जल बोर्ड के काल सेंटर 1916 पर काल कर सकते हैं। दिल्ली में
प्रतिदिन करीब 1140 एमजीडी पानी की जरूरत होती है। जल बोर्ड करीब 990
एमजीडी पानी आपूर्ति करता है। लिहाजा पानी की मांग और आपूर्ति में करीब 150
एमजीडी का पहले से ही अंतर है। ऐसे में तीन जल शोधन संयंत्रों से पानी
आपूर्ति कम होने से समस्या बढ़ गई है।