चंगाई सभा या प्रार्थना महोत्सव पर प्रतिबंध लगाए सरकार... लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करें ईसाई मिशनरियां

 

Christian Missionaries: चंगाई सभा या प्रार्थना महोत्सव पर प्रतिबंध लगाए सरकार... लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करें ईसाई मिशनरियां

Christian Missionaries जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच के प्रदेश अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि भोले भाले लोगों को ठगने के बजाय पोप फ्रांसिस के घुटने के दर्द को जाकर ठीक करें। उन्होंने सरकार से चंगाई सभा या प्रार्थना महोत्सव पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

रांची,  संवाददाता: जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच, झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि ईसाई मिशनरियां भोले भाले लोगों को बेवकूफ बनाना बंद कर दे। मिशनरियों का कहना है कि चंगाई सभा और प्रार्थना महोत्सव करने, सुनने और उस आयोजन में शामिल होने से प्रभु यीशु के नाम से मुर्दे भी जी उठते हैं। तो इसका आयोजन करने वाली मिशनरियां सबसे पहले अपने सर्वोच्च धर्म गुरु पोप फ्रांसिस, जो घुटने के दर्द से कराह रहे हैं, को ठीक करके दिखाएं। अब लोगों को समझने की जरूरत है कि ये लोग किस तरह ठगते हैं और चंगाई सभा का सहारा लेकर अवैध रूप से मतांतरण कराने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि दुमका में 19 से 22 मई तक मिशनरियों की ओर से जो प्रार्थना महोत्सव का आयोजन किया गया है उस बैनर पर लिखा है अंधे सिखते हैं, लंगङे चलते हैं, बहरे सुनते हैं, गूंगे बोलते हैं और मुर्दे भी जी उठते हैं। लोगों को इस तरह से भरमाने के लिए राज्य सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।अंधविश्वास को बढावा देना बंद करें

मेघा उरांव ने कहा कि चंगाई सभा का आयोजन कर प्रभु यीशु के नाम पर जो अंधविश्वास फैलाया जा रहा है उसे उसे ईसाई मिशनरियां बंद करें। खासकर जनजाति समाज के लोगों को ठगने का काम बंद करना चाहिए। सरकार भी इस तरह का आयोजन कर अवैध रूप से मतांतरण कराने वालों पर सख्ती बरते।

लोगों को भी सचेत होने की जरूरत है

उन्होंने कहा कि स्वयं पोप फ्रांसिस के व्हीलचेयर पर चलने के बाद चंगाई सभा कराने वालों से सचेत होने की जरूरत है। लोगों को ऐसे आयोजकों से कहना चाहिए कि पहले अपने धर्म गुरु को जाकर ठीक करो उसके बाद दूसरे को ठीक करने का विश्वास दिलाना।