उन्नाव के माखी में पुलिस की दबिश से पहले ही घर से निकल गए मां-बेटे, वायरल सुसाइड नोट में है जिक्र

 

नौबस्ता में महिला की मौत का मामला।

कानपुर के नौबस्ता हंसपुरम में महिला की मौत के मामले में वायरल हुए सुसाइड नोट के आधार पर उन्नाव के माखी में रहने वाली मां-बेटे की तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस घर पर दबिश देने पहुंची लेकिन इससे पहले मां-बेटा फरार हो गए।

कानपुर,  संवाददाता। नौबस्ता के हंसपुरम में महिला की मौत के मामले में आरोपित भाई और मां की तलाश में नौबस्ता पुलिस की एक टीम शुक्रवार रात उन्नाव के माखी गांव उनके घर दबिश देने पहुंची थी, लेकिन दोनों पहले ही फरार हो गए।

मूलरूप से उन्नाव के माखी गांव निवासी 32 वर्षीय शिल्पी ट्रक ड्राइवर अमरेश सिंह के साथ नौबस्ता के हंसपुरम में रहती थीं। 10 मई को शिल्पी ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार को उसका एक सुसाइड नोट वायरल हुआ, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार भाई अनूप और मां को बताया था। उसने सुसाइड नोट में ये भी लिखा था कि उसके 5.35 लाख रुपये और जेवर मां के पास हैं, लेकिन सुसाइड नोट हरदोई के डीएम के नाम लिखा था। इसके आधार पर पति ने मृतका के भाई अनूप और मां के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।नौबस्ता थाना प्रभारी रत्नेश सिंह ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम उन्नाव उनके घर दबिश देने पहुंची थी, लेकिन दोनों पहले ही फरार हो गए थे। उनकी तलाश की जा रही है।

तो इसलिए हरदोई की डीएम के नाम लिखा था सुसाइड नोट: मृतका के पति अमरेश सिंह ने बताया कि शिल्पी का उसके भाई और मां से रुपयों को लेकर विवाद तो चल ही रहा था, लेकिन उसका भाई हरदोई की एक नाबालिग से शादी कर रहा था। नौ मई को शादी थी। वह लड़की शिल्पी की रिश्तेदारी में आती थी। जानकारी होने पर उसने चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर काल की थी, जहां से हरदोई के एक अधिकारी अनूप तिवारी का नंबर मिला था। पत्नी ने उससे कई बार गुहार लगाई थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद आत्महत्या से पहले ये सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें अनूप तिवारी को निलंबित करने की मांग का भी जिक्र है।