असुरक्षित भवन में चल रहा सिरमौर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय

 

जिला सिरमौर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय असुरक्षित घोषित भवन में चल रहा है।

सिरमौर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय असुरक्षित घोषित भवन में चल रहा है। ऐसे में छह दर्जन के करीब अधिकारी व कर्मचारी जान जोखिम में डालकर सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं। करीब पांच वर्ष पहले संयुक्त जांच समिति ने निरीक्षण के दौरान इस भवन को असुरक्षित घोषित किया था।

नाहन, संवाददाता। जिला सिरमौर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय असुरक्षित घोषित भवन में चल रहा है। ऐसे में छह दर्जन के करीब अधिकारी व कर्मचारी जान जोखिम में डालकर सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं। हैरानी की बात यह है भी कि करीब पांच वर्ष पहले संयुक्त जांच समिति ने निरीक्षण के दौरान इस भवन को असुरक्षित घोषित किया था। इसके बावजूद भी अभी तक इस भवन का जीर्णोंद्धार या किसी अन्य जगह शिफ्ट नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार 28 नवंबर 2017 को संयुक्त जांच समिति ने निरीक्षण के दौरान इस भवन को असुरक्षित घोषित किया था। तब से लेकर अब तक इस भवन की किसी ने सुध नहीं ली है।

वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत करीब 75 कर्मचारी यहां पर सरकारी कामकाज को निपटा रहे हैं। इसके अलावा इसी भवन में खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त का कार्यालय भी चल रहा है। साथ ही इसी भवन में दवाइयों का गोदाम भी है। यहां से पूरे जिले के लिए दवाइयों की आपूर्ति होती है। कार्यालय भवन की हालत खराब है। कुछ कमरों में दीवारों में दरारें और कई जगह छत क्षतिग्रस्त हालत में है। इसके अलावा कमरों के दरवाजों व बरामदे परिसर की हालत भी दयनीय है। उधर, विभाग का कहना है कि उन्हें कार्यालय स्थानांतरित करने के लिए सुविधाजनक जगह नहीं मिल पाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि असुरक्षित भवन में काम कर रहे कर्मचारियों के साथ यदि भविष्य में कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा सुनील कुमार गौतम ने बताया कि कार्यालय को 28 नवंबर 2017 असुरक्षित घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा कार्यालय के लिए हिमुडा की ओर से पेशकश की गई है। इसके बारे में विभाग के निदेशक से बात की गई है। जल्द ही पत्र विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। निदेशक और सचिव स्तर से निर्देश मिलने के बाद ही भवन के स्थानांतरण को लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।