
हरियाणा में बीमा कंपनियों व बैंकों के विवाद के कारण किसान फंस गए हैं। अब सरकार ने सख्ती दिखाई है। विवादों का निपटारा कर किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। राज्या में 8445 केस बैंकों के स्तर पर अटके हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने वाले करीब 93 हजार किसानों के 130 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों में फंसे हैं। बेमौसमी बारिश, प्राकृतिक आपदा व ओलावृष्टि से इन किसानों की फसलें खराब हो गईं, लेकिन बीमा कंपनियां तीन साल से इनके नुकसान की भरपाई नहीं कर रहीं।
हरियाणा सरकार ने अब विवाद को सुझलाने के लिए कृषि अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। बीमा राशि देने में आनाकानी कर रही बीमा कंपनियों को साफ निर्देश दिया गया है कि किसानों का भुगतान करें। अगर फसलों का बीमा करने वाले बैंकों ने बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान नहीं किया है तो संबंधित बैंकों को किसानों की भरपाई करनी होगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पिछले तीन सालों में प्रदेश के 13.42 लाख किसानों को 31 करोड़ 32 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने नौ फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया है। इसके बावजूद बीमित कंपनियां किसानों की मुआवजा राशि को लटकाने से पीछे नहीं हट रहीं।
पिछले तीन सालों में 84 हजार 780 केसों के मुआवजे पर बीमित कंपनियों ने कोई गौर नहीं किया है। इससे तकरीबन 130 करोड़ की मुआवजा राशि कंपनियों के खाते में पड़ी है। इतना ही नहीं, मुआवजे के 8445 केस बैंकों के स्तर पर भी लंबित हैं।
दरअसल, मुआवजे के लिए जूझ रहे अधिकतर किसान बैंक और कंपनियों के विवाद में फंसे हैं। प्रदेश सरकार ने दो बीमा कंपनियों को नामित किया है। अलग-अलग जोन में यह बीमा कंपनियां फसलों का बीमा करती हैं। मगर बीमा कंपनियों व बैंकों के बीच विवाद के चलते किसानों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
भिवानी में बैंक और बीमा कंपनियों के विवाद के चलते 223 किसानों के नौ लाख रुपये अटके हुए हैं। सिरसा व भिवानी में 4587 किसानों की भूमि संबंधित जानकारी सत्यापित न होने के चलते करीब दस करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का मामला न्यायालय में लंबित है। इसके साथ ही सभी जिलों में अलग-अलग बैंकों के साथ डाटा मिसमैच, पोटर्ल पर डाटा अपलोड न होने के चलते 8445 किसानों के 19.62 करोड़ रुपये के मुआवजा का मामला भी न्यायालय में लंबित है।
कृषि मंत्री ने दिए विवाद सुलझाने के निर्देश
चार जिलों में 80 हजार 193 किसानों का 100 करोड़ रुपये का मुआवजा बीमा कंपनियों पर अटका हुआ है। इसका कारण एक्सट्रपलेशन (बाहरी गणना) माना जा रहा है। किसानों के लंबित मामलों को लेकर हाल ही में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि विभाग और केंद्र सरकार की कृषि बीमा कंपनियों के अधिकारियों की बैठक लेकर जमीन, फसल, समय पर प्रीमियम इत्यादि की जानकारी के आंकड़ों को आपस में इंटीग्रेट करने के निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने पिछले तीन-चार सालों से लंबित मामलों को भी जल्द निपटाने के निर्देश देते हुए दोनों पक्षों को सकारात्मक समाधान ढूंढ़ने को कहा है।
खरीफ-2021 के लंबित क्लेम
जिला -लंबित मुआवजा (करोड़ रुपये) -प्रभावित किसान
भिवानी -78.20 -8652
सिरसा -25.00 -9535
रेवाड़ी -7.84 -4815
कैथल -1.44 -1278
फरीदाबाद -0.76 -201
पंचकूला -0.13 -99
कुल -113.37 -25,