गूगल के नये ओएस से प्राइवेसी होगी ज्यादा सिक्योर, मिलेंगे ये नये फीचर्स

 

जानें इस ओएस में किस तरह के फीचर्स मिल सकते हैं...

हर एंड्रायड फोन में एक चीज समान होती है वह है आपरेटिंग सिस्टम। इसमें गूगल के आपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होता है। हाल ही में गूगल के आइ/ओ इवेंट में एंड्रायड 13 के बीटा वर्जन को जारी किया गया है जिसमें सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।

 गूगल तकरीबन हर साल एंड्रायड डिवाइस के लिए एक नया आपरेटिंग सिस्टम (ओएस) लेकर आता है। हाल ही में गूगल आइ/ओ सम्मेलन में एंड्रायड 13 के नये फीचर्स से पर्दा उठाया गया है। यह कंपनी का दूसरा बीटा रिलीज है। इससे पहले कंपनी ने फरवरी माह में एंड्रायड 13 की घोषणा की थी। गूगल ने कहा है कि इस नये ओएस में गोपनीयता, सुरक्षा और पर्सनलाइजेशन पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। बता दें कि एपल की तरह गूगल भी अपना खुद का एक इकोसिस्टम बनाना चाहता है। कंपनी का मानना है कि इसके लिए एंड्रायड 13 को न सिर्फ महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, बल्कि सभी एंड्रायड आधारित डिवाइस के लिए अधिक कनेक्टेड स्पेस बनाना होगा।

एंड्रायड 13 में क्या है नया: इस बार नये ओएस में कई उपयोगी फीचर्स मिलने वाले हैं। एंड्रायड 13 नई परमिशन सेटिंग के साथ आता है, जो नोटिफिकेशन भेजने वाले एप्स को नियंत्रित करने की सुविधा देती है। यह बेहतर परमिशन सुविधा के साथ आता है। इसमें आपको एचडीआर वीडियो के लिए प्राइवेसी-प्रोटेक्टिंग फोटो पिकर के साथ नेटिव सपोर्ट जैसे फीचर्स भी मिलेंगे। आपको बता दें कि नया एंड्रायड 13 बेहतर डिजाइन के साथ आता है। आप वालपेपर के हिसाब से एप्स के कलर्स को चेंज कर पाएंगे। इतना ही नहीं, अलग-अलग एप्स को अलग-अलग भाषा के साथ उपयोग किया जा सकेगा। एंड्रायड 13 में टैबलेट और फोल्डेबल फोन के लिए भी बहुत कुछ है। इसमें एक नया नोटिफिकेशन और क्विक-सेटिंग पैनल है। इसमें ब्लूटूथ एलई आडियो के लिए सपोर्ट भी है।

बता दें कि यह नेक्स्ट जेनरेशन वायरलेस आडियो है। इसकी मदद से यूजर्स अपने आडियो को ब्राडकास्ट करने के साथ ही अन्य लोगों के साथ साझा भी कर पाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, इसे पब्लिक ब्राडकास्ट का रूप देकर सब्सक्रिप्शन भी एक्टिव किया जा सकेगा। इसमें बेहद कम बैटरी की खपत पर हाई क्वालिटी आडियो प्राप्त हो सकेगा। इसके अलावा, क्लिपबोर्ड हिस्ट्री का आटोमैटिक डिलीट भी शामिल है। एंड्रायड 13 में यूजर को एक नया सिक्योरिटी और प्राइवेसी पेज भी मिलेगा, जो डिवाइस के सेफ्टी स्टेटस को कलर कोड के जरिए बताएगा।

गूगल वालेट: गूगल यूजर अब अपने डाक्यूमेंट के डिजिटल वर्जन को गूगल वालेट में सेव कर पाएंगे यानी इसमें यूजर डेबिट- क्रेडिट कार्ड, वैक्सीन रिकार्ड, सरकार द्वारा जारी दस्तावेज और यहां तक कि डिजिटल कार की चाबियां भी स्टोर कर सकते हैं। बता दें कि गूगल ने वालेट को पहली बार 2011 में पेश किया गया था, लेकिन उस समय यह सफल नहीं हुआ था। इसकी वजह से कंपनी ने इसे वापस ले लिया था। मगर अब गूगल का मानना है कि इसे बेहतर सुविधाओं और फीचर के साथ पेश किया जा रहा है। गूगल इस वालेट को दूसरे एप्स के साथ इंटीग्रेट करने का इरादा रखता है ताकि यूजर को तेज और बेहतर लेनदेन की सुविधा मिल सके। आने वाले महीनों में गूगल पे का उपयोग करने वाले 40 से अधिक देशों में गूगल वालेट को अपग्रेड कर दिया जाएगा।

आरसीएस चैट: आरसीएस यानी रिच कम्युनिकेशन सर्विस चैट एक ऐसी प्रणाली है, जो कई स्मार्ट फीचर से लैस है। इसमें आपको न केवल स्टैंडर्ड एसएमएस की सुविधा मिलती है, बल्कि आइमैसेज या फिर वाट्सएप की तरह कई सुविधाएं भी मिलेंगी। यह एसएमएस या चैट एप की तरह ही कार्य करता है। इसमें आपको एसएमएस के जरिए फोटो भेजने की सुविधा के साथ वाइफाइ पर मैसेजिंग की सुविधा, ग्रुप मैसेजिंग और टाइपिंग इंडिकेटर (अगर कोई टाइप कर रहा है, तो आपको पता चल जाएगा) जैसे फीचर्स मिलेंगे। गूगल ग्रुप मैसेज के लिए एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन फीचर पर कार्य कर रहा है। साल के अंत तक इसे जारी किए जाने की उम्मीद है। हालांकि इसमें पहले से ही वन-टु-वन मैसेज के लिए एनक्रिप्शन की सुविधा मौजूद है।

पर्सनलाइजेशन फीचर: पिछले वर्जन की तुलना में एंड्रायड 13 में आपको बेहतर कस्टमाइजेशन और पर्सनलाइजेशन की सुविधा मिलेगी। इसमें न सिर्फ अधिक भाषाओं का सपोर्ट मिलेगा, बल्कि आप एक एप को अलग भाषा, तो दूसरे एप में अन्य भाषाओं का चयन कर सकेंगे। इतना ही नहीं, यूजर्स को अभी एप नोटिफिकेशन के लिए आप्ट-इन करना होगा। इसका मतलब है कि कोई भी एप अब आपको डिफाल्ट तरीके से नोटिफिकेशन नहीं भेजेगा। जब किसी एप को परमिशन देंगे, तभी वह नोटिफिकेशन भेज पाएगा। अब तक नोटिफिकेशन नहीं देखने के लिए यूजर्स को यह फीचर डिसेबल करना पड़ता था। इसके अलावा, आपको मीडिया किट टूल की भी सुविधा मिलती है।

सेफ्टी फीचर्स: गूगल ने ईएलएस यानी इमरजेंसी लोकेशन सर्विस की भी घोषणा की है, जो आपात स्थिति में मददगार साबित हो सकती है। यह फीचर एसओएस एलर्ट भेजने के बाद यूजर्स का पता लगाने में मदद करेंगे। हालांकि यह आपातकालीन सुविधा एंड्रायड 12 में शामिल थी, मगर अब यह एंड्रायड 13 के साथ वियरओएस में भी मिलेगी। गूगल ने भूकंप की पूर्व चेतावनी फीचर का भी परीक्षण किया है। इस फीचर को फिलहाल 25 देशों में लांच किया गया है। इसके अलावा, कंपनी अन्य जोखिम वाले देशों में भी इस फीचर को लांच करेगी। यह सिस्टम भूकंप का पता लगाने के लिए डिवाइस के एक्सेलेरोमीटर का उपयोग करता है।

मल्टीपल इनेबल्ड प्रोफाइल: एंड्रायड 13 में यह एक शानदार फीचर है। गूगल ने इसे एमईपी यानी मल्टीपल इनेबल्ड प्रोफाइल्स नाम के साथ पेश किया है। यह फीचर एक मोबाइल फोन में तीन सिम कार्ड यूज करने की सुविधा देगा। अभी तक बाजार में आए सभी मोबाइल फिजिकल सिम स्लाट सपोर्ट करते हैं या फिर उनमें ई-सिम एक्टिव की जा सकती है। लेकिन एंड्रायड 13 के साथ स्मार्टफोन में दो फिजिकल सिम के साथ ही एक ई-सिम का भी यूज किया जा सकेगा।

फोटो पिकर: एंड्रायड 13 का यह फीचर सिक्योरिटी के लिहाज से अहम बताया जा रहा है। फोटो पिकर फीचर के जरिए फोन में सेव और गूगल क्लाउड पर सेव फोटो व वीडियो को बिना किसी अन्य एप की मदद के सीधे दूसरे व्यक्ति को शेयर किया जा सकेगा। इस फीचर के जरिए फोन में डाउनलोड एप्स को फोटो गैलरी का एक्सेस देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

मिलेंगे ये नये फीचर्स: गूगल ने आइ/ओ इवेंट में कई नये फीचर्स की घोषणा भी की है। गूगल ने सर्च में मल्टीसर्च नियर मी, डाइवर्सिफाई सर्च फिल्टर और सीन एक्सप्लोरेशन जैसे फीचर्स जोड़े हैं, जो यूजर्स के लिए उपयोगी हो सकते हैं। मल्टीसर्च नियर मी फीचर आपको अपने आसपास की चीजों को खोजने की सुविधा देता है। हालांकि यह फीचर तब काम करता है, जब गूगल लेंस के माध्यम से किसी प्रोडक्ट की खोज कर रहे होते हैं। मल्टीसर्च नियर मी इस वर्ष के अंत तक वैश्विक स्तर पर जारी किया जाएगा। शुरुआत में यह अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होगा। कंपनी ने सीन एक्सप्लोरेशन फीचर भी पेश किया है। गूगल लेंस पर अपडेटेड सीन एक्सप्लोरेशन के साथ आप कई चीजों को सर्च करने में सक्षम होंगे। डाइवर्सिफाई सर्च फिल्टर भी एक नया फीचर है।

गूगल ट्रांसलेट में 24 भाषाओं का सपोर्ट: गूगल ट्रांसलेट में 24 नई भाषाओं को जोड़ने की घोषणा की गई हैं, जिनमें असमिया, भोजपुरी, डोगरी, मैथिली, संस्कृत जैसी भाषाएं भी शामिल हैं। मतलब अगर अब आपको हिंदी या अंग्रेजी जैसी भाषाएं नहीं आती हैं, तो आप इन भाषाओं को अपनी स्थानीय भाषा जैसे कि भोजपुरी, डोगरी, मैथिली और संस्कृत में ट्रांसलेट कर पाएंगे। रियल टाइम ट्रांसलेशन के लिए गूगल मशीन लर्निंग टेक्नोलाजी का उपयोग करता है।