
कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में तीन दिनों के मंथन के बाद कई बड़े एलान किए। पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार एक टिकट का नियम तो लागू किया लेकिन बड़े नेताओं की संतानों के लिए रास्ता भी खोल दिया। पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली। कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में तीन दिनों के मंथन के बाद संगठन में अहम सुधार, जनता से जुड़ाव और सड़क पर संघर्ष के मूल मंत्र का संकल्प लेते हुए 2024 की अपनी राजनीतिक वापसी की लड़ाई का रोडमैप तय कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक दो अक्टूबर से भारत जोड़ो पदयात्रा निकालने की घोषणा कर इस रोडमैप पर आगे बढ़ने की तस्वीर भी साफ कर दी।
युवाओं को मौका देने पर फोकस
उदयपुर नव संकल्प के तहत पार्टी में बड़े सुधारों को लागू करने का एलान करते हुए एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार को एक टिकट के साथ संगठन में हर स्तर पर 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के युवा चेहरों को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट देने से इसकी शुरूआत होगी।
सलाहकार समूह के गठन का फैसला
चुनावों के प्रबंधन और जमीनी सर्वे के लिए अलग-अलग विभाग बनाने सरीखे कई नए कदम उठाने की घोषणा की गई है। संसदीय बोर्ड बनाने की मांग खारिज करते हुए इसकी जगह कांग्रेस अध्यक्ष ने एक सलाहकार समूह के गठन का फैसला किया है। राजनीतिक मसलों पर रुख साफ करते हुए कांग्रेस ने गठबंधन का विकल्प खुले रखने की बात दोहरायी है तो संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा का समर्थन करने का एलान किया है।
निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण पर खींचे कदम
संसद और विधानसभाओं में ओबीसी के लिए आरक्षण और निजी क्षेत्र की नौकरियों के आरक्षण के मसले को पार्टी ने फिलहाल छोड़ दिया है। लेकिन जातीय जनगणना के समर्थन का एलान कर कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग में अपना सियासी आधार बढ़ाने का दांव चल दिया है।
टास्क फोर्स के गठन की घोषणा
कांग्रेस में इन अहम बदलावों पर तत्काल अमल के लिए सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के अपने समापन संबोधन में तत्काल एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की। कांग्रेस कार्यसमिति ने चिंतन बैठक में हुई चर्चाओं के बाद तैयार किए गए सुधारों और संकल्पों के प्रस्तावों पर मुहर लगाई इसके बाद इसे सर्वसम्मति से हाथ उठाकर मंजूरी दी गई।
बड़े नेताओं की संतानों के लिए रास्ता
कांग्रेस की मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों को देखते हुए एक परिवार एक टिकट को अहम फैसला माना जा रहा मगर पांच साल तक पार्टी में काम करने वालों पर इस फार्मूले को लागू नहीं करने की गुंजाइश छोड़ कर बड़े नेताओं की संतानों के लिए रास्ता खुला रखा गया है।
तीन विभागों का गठन
जनता का मूड भांपने और फीडबैक के लिए 'पब्लिक इनसाईट डिपार्टमेंट' पार्टीजनों को वैचारिक और नीतिगत प्रशिक्षण देने के लिए 'राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट', चुनाव के लिए एआइसीसी में 'चुनाव प्रबंधन विभाग' बनाने का फैसला हुआ है जबकि शीर्ष से लेकर संगठन के जिला स्तर के पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के स्तर पर की जाएगी।
सलाहकार समूह बनाने की घोषणा
संसदीय बोर्ड के प्रस्ताव पर चिंतन शिविर में चर्चा हुई और यह संगठन सुधारों के मसौदे में शामिल भी था लेकिन अंतिम संकल्पों में इसे जगह नहीं मिल पायी। पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की एक प्रमुख मांग संसदीय बोर्ड को फिर से जीवित करने की रही है। हालांकि इसे नामंजूर किए जाने के बाद कार्यसमिति के सदस्यों में से एक छोटा सलाहकार समूह बनाने की सोनिया गांधी ने घोषणा जरूर कर दी जो महत्वपूर्ण मसलों पर उन्हें परामर्श देती रहे।
संगठन के पदों पर काम करने की समयसीमा तय
हालांकि सोनिया ने साफ कर दिया कि यह सलाहकार समूह किसी तरह सामूहिक नेतृत्व का ढांचा नहीं होगा। पार्टी का सियासी दायरा बने के लिए एक व्यक्ति के पांच साल तक ही पद पर रहने का फार्मूला लागू होगा तो युवाओं को जोड़ने के लिए हर स्तर पर 50 प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाएंगे।
सबकी भागीदारी पर जोर
ओबीसी, एससी-एसटी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को भी संगठन में अहम भागीदारी दी जाएगी। इसके लिए एआइसीसी में सामाजिक न्याय सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। राज्यों के संगठन में नेताओं के बीच समन्वय व चर्चा के लिए राजनीतिक मामलों की समिति बनेगी। एआइसीसी और प्रदेश कांग्रेस का अधिवेशन साल में एक बार करने का फैसला भी हुआ है।
पदयात्रा निकालने का कार्यक्रम तय
संचार और संवाद के मोर्चे पर कांग्रेस की कमजोर कड़ी को सुधारने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया से लेकर डाटा विभाग आदि में व्यापक बदलाव व सुधारों को लागू करने की घोषणा भी की गई है। जनता से जुड़ाव का अभियान शुरू करने के लिए जून से राज्यों के स्तर पर जन जागरण अभियान तो आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 75 किलोमीटर की पदयात्रा निकालने का कार्यक्रम तय कर दिया गया है।
अंधाधुंध निजीकरण का विरोध
आर्थिक नीतियों में नए सिरे से बदलाव की वकालत करते हुए संकल्प प्रस्ताव में कहा गया है कि जॉबलेस ग्रोथ के लिए कोई जगह नहीं है और इसे विकास के साथ रोजगारपरक बनाना होगा। सरकारी कंपनियों के अंधाधुंध निजीकरण का विरोध पार्टी जारी रखेगी।
एमएसपी की कानूनी गारंटी दिलाने का संकल्प
राष्ट्रीय किसान कर्ज राहत आयोग का गठन कर किसानों की कर्ज मुक्ति का रास्ता निकालने, सिंचाई के लिए किसानों को मुफ्त बिजली देने के साथ अलग से कृषि बजट और किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दिलाने का पार्टी ने संकल्प लिया है।
हर किसान को मिलें 6000 रुपए
साथ ही न्याय योजना के तहत हर किसान और खेत मजदूर को 6000 रुपए महीना
नगद खाते में ट्रांसफर की भी पैरोकोरी की है। इन संकल्पों में 2024 के
लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारी का दांव साफ नजर आ रहा है और सोनिया
गांधी ने अपने समापन संबोधन में कहा भी कि अगले आम चुनाव के घोषणा पत्र में
इनमें से कई प्रस्तावों को शामिल किया जाएगा।