कोरोना काल में जान गंवाने वाले डाक्टरों की याद दिलाएगी श्रद्धांजलि दीवार, सांसद डा. हर्षवर्धन ने किया अनावरण

 

करीब 350 डाक्टरों को कोरोना योद्धा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

डा. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी जब आई तो हमारे पास संसाधन बहुत कम थे। लेकिन बहुत ही कम समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संसाधन जुटाए गए। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में ही चला।

नई दिल्लीsurender Aggarwal । कड़कड़डूमा इंस्टीट्यूशनल एरिया में स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), पूर्वी दिल्ली के कार्यालय में एक दीवार को कोरोना में जान गंवाने वाले डाक्टरों को समर्पित किया गया है। इसे श्रद्धांजलि दीवार का नाम दिया गया है। इस पर आइएमए, पूर्वी दिल्ली से जुड़े दिवंगत 15 डाक्टरों के नाम दर्ज किए गए हैं। इस दीवार का अनावरण पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मौजूदा सांसद डा. हर्षवर्धन ने किया। इस कार्यक्रम में कोरोना काल में उल्लेखनीय योगदान देने वालों डाक्टरों को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आइएमए, पूर्वी दिल्ली के कोरोना मामलों के चेयरमैन डा. सुनील सिंघल ने किया। कार्यक्रम में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक व चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल, जीटीबी अस्पताल के निदेशक डा. सुभाष गिरी, दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट की क्लीनिकल आनकोलाजी विभाग की प्रमुख डा. प्रज्ञा शुक्ला, राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल की ब्लड बैंक प्रमुख डा. छवि, कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी डा. विकास डोगरा, स्वामी दयानंद अस्पताल के सीएमओ व काेरोना मामलों के नोडल अधिकारी डा. ग्लैडबिन त्यागी, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. अश्विनी गोयल, डा. बीबी वाधवा सहित दिल्ली भर से करीब 350 डाक्टरों को कोरोना योद्धा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक डा. हरीश गुप्ता व वरिष्ठ चिकित्सा डा. रवि ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में डा. हर्षवर्धन के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि किस तरह उनके नेतृत्व में पल्स पोलियो अभियान चला और पूरे विश्व में उसकी चर्चा हुई। कार्यक्रम में आइएमए, पूर्वी दिल्ली के अध्यक्ष डा. गौतम सिंह, उपाध्यक्ष डा. ममता ठाकुर के अलावा डा. जीएस ग्रेवाल, डा. अजय बेदी आदि का भी योगदान रहा।

टीके ने की देश के लोगों की रक्षा : डा. हर्षवर्धन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी जब आई तो हमारे पास संसाधन बहुत कम थे। लेकिन बहुत ही कम समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संसाधन जुटाए गए। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में ही चला। इस वजह से कई लोगों की जानें बच पाईं। उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में कई डाक्टर मित्रों को खो दिया।

उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों के पास थी। लेकिन कभी नहीं सुना कि किसी के परिवार ने उसे काम पर जाने से रोक दिया हो। यह त्याग है। उन्होंने कहा कि आइएमए, पूर्वी दिल्ली का अपने डाक्टरों को याद रखने का यह प्रयास सराहनीय है।