श्रीलंका में फिर बड़े हमले को अंजाम दे सकता है LTTE! अब होगी भारतीय मीडिया में आई इन रिपोर्ट्स की जांच

 

Mullivaikkal Remembrance Day के मौके पर है हमले की आशंका

भारतीय मीडिया में आई उन खबरों की अब श्रीलंका जांच कर रहा है जिनमें लिट्टे द्वारा 18 मई को देश में हमला करने की आशंका जताई गई थी। बता दें कि लिट्टे का गठन 1976 में वेलुपिल्‍लई प्रभाकरन ने किया था।

कोलंबो (पीटीआई)। श्रीलंका, भारतीय मीडिया में आई उन खबरों की जांच करेगा जिनमें कहा गया था कि LTTE 18 मई को देश में बड़े हमले को अंजाम दे सकता है। हालांकि भारतीय मीडिया में इस बात की आशंका जताए जाने के बाद श्रीलंका में सुरक्षा व्‍यवस्‍था को चाक चौबंद किया जा रहा है। इस खतरे की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्‍यवस्‍था को पुख्‍ता करने के आदेश भी दे दिए गए हैं। भारतीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक LTTE ने मुल्लिवैकल दिवस पर इस हमले को अंजाम देने की आशंका जताई है। बता दें कि 18 मई 2009 को ही श्रीलंका की सेना ने LTTE के प्रमुख वेलुपिल्‍लई प्रभाकरन को ढ़ेर किया गया था। इसके साथ ही श्रीलंका में वर्षों पुराना गृहयुद्ध भी खत्‍म हो गया था।

जिस आशंका की बात भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स में जताई गई है कि उसकी एक खास बात ये भी है कि गोटाबाया के ही कार्यकाल में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन का सफाया करने में श्रीलंका की सेना को सफलता मिली थी। एक बार फिर से गोटाबाया शीर्ष पर हैं देश की मौजूदा स्थिति लिट्टे के लिए काफी मुफीद हो सकती है। इस लिहाज से भी श्रीलंका में सुरक्षा व्‍यवस्‍था को और बढ़ाया गया है।  

भारतीय मीडिया में ये खबरें ऐसे समय में प्रकाशित हुई हैं जब देश जबरदस्‍त वित्‍तीय और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। पूरे देश में अराजकता का माहौल व्‍याप्‍त है। हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गोटाबाया को इस्‍तीफा देना चाहिए। इन लोगों का आरोप है कि राजपक्षे परिवार की गलत नीतियों और भ्रष्‍ट सरकार की बदौलत देश का इतना बुरा हाल हुआ है। बता दें कि वर्तमान में श्रीलंका में खाने-पीने की चीजों से लेकर जरूरी दवाओं से लेकर तेल और गैस तक की कमी हो रही है।