
फिनलैंड ने रविवार को एलान किया कि वह नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा। राष्ट्रपति सौली निनिस्टो (Sauli Niinisto) और प्रधानमंत्री सना मारिन (Sanna Marin) ने राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उक्त घोषणा की।
बर्लिन, एजेंसियां। फिनलैंड के राष्ट्रपति (Finland's President) और सरकार ने रविवार को एलान किया कि नार्डिक देश नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा। फिनलैंड की इस घोषणा से यूक्रेन युद्ध के बीच 30 सदस्यीय पश्चिमी सैन्य गठबंधन (NATO) के विस्तार का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रपति सौली निनिस्टो (Sauli Niinisto) और प्रधानमंत्री सना मारिन (Sanna Marin) ने राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उक्त घोषणा की। माना जा रहा है कि फिनिश संसद (Finnish Parliament) आने वाले दिनों में सरकार के इस फैसले पर मुहर लगा देगी। वैसे इसे औपचारिकता भर माना जा रहा है।
रूस कर चुका है आगाह
सनद रहे नाटो में शामिल होने को लेकर रूस फिनलैंड को पहले ही आगाह कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड के समकक्ष निनिस्तो से नाटो में नहीं जाने को कहा है। उनका कहना है कि फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला गलत है। फिनलैंड के इस कदम से रूस के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होगा।
नाटो के उप प्रमुख ने कही यह बात
समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक नाटो को भरोसा है कि वह तुर्की की आपत्तियों को दूर करके फिनलैंड और स्वीडन को जल्द स्वीकार कर सकता है। नाटो के उप-प्रमुख ने रविवार को कहा कि गठबंधन नार्डिक क्षेत्र में ऐतिहासिक विस्तार की तैयारी कर रहा है। मालूम हो कि नाटो के 30 सदस्य देशों के विदेश मंत्री इस हफ्ते के अंत में बर्लिन में दो दिवसीय वार्ता कर रहे हैं।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि युद्ध कितने समय तक चलेगा यह काफी हद तक यूक्रेन के सहयोगी, यूरोपीय देशों पर निर्भर करेगा। मित्र राष्ट्र जब तक यूक्रेन का साथ देंगे तब तक यूक्रेन लड़ेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि रूस को यूक्रेन युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
वर्ष के अंत तक चल सकता है युद्ध
यूक्रेन के खुफिया प्रमुख मेजर जनरल किरिलो बुदानोव ने दावा किया है कि रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तख्ता पलटने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके कारण ही वर्ष के अंत तक रूस और यूक्रेन में बीच युद्ध जारी रह सकता है।
रूस पर दबाव बनाए रखेगा जी-7
दुनिया के संपन्न देशों के संगठन जी 7 के विदेश मंत्रियों ने कहा है कि रूस पर प्रतिबंधों का दबाव बना रहेगा और हम मिलकर दुनिया में पैदा होने वाले खाद्यान्न संकट से निपटेंगे। विदित हो कि रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है और उस पर लगे प्रतिबंधों से कई देशों को रूसी गेहूं से वंचित रहना प़़ड सकता है। जर्मनी के वीसेनहौस शहर में हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन को आवश्यकता के अनुसार हथियारों की आपूर्ति बरकरार रखने का संकल्प लिया गया। साथ ही रूसी तेल और गैस पर निर्भरता को भी कम के लिए प्रयास तेज करने पर बल दिया गया।