Babulal Marandi Big Disclosure भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने बड़ा खुलासा किया है। उनकी मानें तो झारखंड से सात करोड़ रुपये नकद गाड़ी में लादकर राजस्थान पहुंचाया गया है। बिहार के पूर्व विधायक ने इसमें एक अफसर की मदद की है।
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड लूट का अड्डा बन गया है। यहां हर कोई बहती गंगा में हाथ धो रहा है। खनिज संपदा की लूट की होड़ मची हुई है। भ्रष्टाचार के आरोप में आइएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद हर दिन इस गंदे खेल का खुलासा हो रहा है। हर दिन चाैंकाने वाली बातें सामने आ रही है। भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी अब एक नया खुलासा किया है। उन्होंने सबको हैरान कर देने वाली बात कही है। हालांकि, इंटरनेट मीडिया में किए गए इस खुलासे में बाबूलाल मरांडी ने कई तथ्यों को अभी उजागर नहीं किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टवीट करते हुए लिखा है- केंद्रीय एजेंसियों के आपरेशन क्लीन झारखंड एवं न्यायालय की पैनी नजर के बाद अब लोग संगठित लूट एवं लूट का माल खपाने के तरीके के बारे में जो जानकारी दे रहे हैं, वह हैरान करने वाली है। खनन लूट के लिये कुख्यात एक जिले के अधिकारी सड़क मार्ग से सात करोड़ रुपये नकद राजस्थान ले गये। लोगों ने बताया कि नोट परिवहन कर ले जाने के इस काम में उन्होंने बिहार के एक पूर्व विधायक मित्र की मदद ली। फिर उस काले धन से राजस्थान में नामी-बेनामी जमीन लिए गये हैं।
सीएम, आयकर विभाग, ईडी को किया टवीट
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का इशारा किस ओर है, यह तो वही जानें। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आयकर विभाग और जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को टवीट करने के पीछे उनकी मंशा साफ है कि झारखंड सरकार भ्रष्टाचार संबंधित इस सूचना को गंभीरता से लेकर तुरंत जांच कराए। इतनी बड़ी रकम राजस्थान ले जाने वाला अधिकारी कौन है, पता लगाया जाना चाहिए। बिहार के किस पूर्व विधायक ने इस काले धंधे में उक्त अफसर की मदद की, इसकी जांच होनी चाहिए। झारखंड से इतनी बड़ी रकम गाड़ी में लादकर राजस्थान ले जायी गई और सरकारी खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी, यह भी जांच का विषय है। हालांकि, बाबूलाल मरांडी को भी बताना चाहिए कि उन्होंने किन कारणों से आरोपित अफसर, संबंधित जिला और पूर्व विधायक के नाम का खुलासा नहीं किया है। बहरहाल, बाबूलाल मरांडी का यह टवीट इस समय सुर्खियों में है। ट्विटर के अलाव फेसबुक वाॅल पर भी उन्होंने यह जानकारी जनता से साझा की है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी इस सूचना को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
बाबूलाल मरांडी ने लिखा- यह सरकार है या सर्कस
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी इन दिनों सांसद निशिकांत दुबे की तरह इंटरनेट मीडिया पर आक्रामक नजर आ रहे हैं। जिस तरह निशिकांत दुबे हर सुबह एक नई जानकारी साझा कर हेमंत सोरेन को घेरते नजर आते हैं, उसी प्रकार अब भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी भी सिस्टम की पोल खोलने में जुट गए हैं। बाबूलाल मरांडी हर दिन एक से अधिक टवीट साझा कर रहे हैं। अपने एक अन्य टवीट में उन्होंने लिखा है- सीएम हेमंत सोरेन, उनके भाई, मंत्री और अब गिरिडीह विधायक पर भी चुनाव के दौरान शपथ पत्र में जानकारियां छिपाने का आरोप है। ये सरकार है या सर्कस? मंत्री, विधायक, व्यापारी और कंपनियों का हिस्सेदार निकल रहा है। अब कहीं सीएम साहब इसे भी स्वरोजगार सृजन बताकर खुद की पीठ न थपथपा लें!
जनता की अदालत में सबकुछ सार्वजनिक हो गया
भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक और टवीट साझा करते हुए लिखा है- रेवड़ी की तरह आपस में मिल बांट लिए आपके भाई, आपके चेले-चमचों के खनन पट्टे की जांच चल रही है। आपके ऐसे विकास कार्यों की लिस्ट बहुत लंबी है। जनता की अदालत में अब सबकुछ सार्वजनिक है। अच्छा होगा, राज्य व जनता के हित में बहानेबाजी करने के बजाय कुछ ठोस काम करिए। बाबूलाल मरांडी का यह टवीट भी चर्चा में है। इस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।