बेतिया में दम तोड़ती प्रतिभाएं, प्रखंडों में खेल स्टेडियम की हालत बदतर

 

जर्जर स्थिति में मझवलिया का आउटडोर खेल स्टेडियम। फोटो- जागरण।

West Champaran news मुख्यमंत्री खेल योजना से सभी प्रखंडों में बना है आउटडोर स्टेडियम। देखरेख के आभाव में अधिकांश प्रखंड में बने आउटडोर खेल स्टेडियम की स्थिति जर्जर। मौके के अभाव में क्षेत्र के अनेक खेल प्रतिभाएं उभरने से चूक रहे हैं।

बेतिया, सं। खिलाडिय़ों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री खेल योजना के तहत सभी प्रखंडों में आउटडोर स्टेडियम बनाया गया। निर्मित उक्त खेल मैदान देखरेख के आभाव में आज पूरी तरह से बदहाल स्थिति में चला गया है। जिले के अधिकांश प्रखंड में बने आउटडोर खेल स्टेडियम में लंबे समय से सफ़ाई नहीं हुई है। मैदान में हर समय गंदा पानी जमा रहता है। वहीं मैदान पूरी तरह से समतल भी नहीं है, जो जगह-जगह उबड़ खाबड़ है, जिससे मैदान के चारों ओर दौड़ लगाने वाले कभी भी गिरकर किसी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। खिलाडिय़ों का कहना है कि खेल मैदान ठीक नहीं होने से खेल प्रतिभाएं दबकर रह गई हैं। खेल मैदान के अभाव में खिलाडिय़ों को आगे बढऩे का मौका नहीं मिल पा रहा है। खेल से जुड़े जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में अनेक खेल प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। उनको तलाश कर तराशने की जरूरत है। दुर्भाग्य से क्षेत्र में खेल सुविधाएं तो दूर की बात अभ्यास के लिए ढंग का मैदान नहीं है। क्षेत्र में एक से बढ़कर एक खेल प्रतिभाएं हैं लेकिन संसाधनों के अभाव और आर्थिक तंगी से ये प्रतिभाएं अपना दम दिखाने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। सरकार खेल और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए बेशक बड़े-बड़े दावे कर रही हो मगर सुविधाओं का हमेशा अभाव ही बना रहता है। जिले के खिलाड़ी प्रशिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।

अपने स्तर पर प्रयास में जुटे युवा

मझौलिया क्षेत्र के खिलाड़ी रविद्र, राजेश, विक्रमजीत, जतिन, रोहित आदि ने कहा कि करीब 10 साल पहले बना यह स्टेडियम आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। लिहाजा इससे यहां प्रतिभावान खिलाडिय़ों के रहने के बावजूद भी उन्हें बेहतर माहौल नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। युवाओं द्वारा अपने स्तर पर ही स्टेडियम की दशा सुधारने कर खेल के लिए जुगाड़ किया गया है। गांव के युवाओं द्वारा स्वयं ही स्टेडियम में उगी हुई घास फूस को उखाड़ कर मैदान को समतल किया जाता है। प्रशासन को अविलंब इस दिशा में पहल करने की दरकार है।

क्या कहते हैं खेल पदाधिकारी

जिला खेल अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि वास्तव में ऐसी कोई समस्या है तो जिला स्तर पर जितना संभव हुआ हर हाल में स्टेडियम को दुरुस्त कराया जाएगा। इसके अलावा यदि जिला स्तर से ऊपर का कार्य होगा, उस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया जाएगा।