
Service Charge सर्विस चार्ज वसूले जाने के मुद्दे पर भले ही केंद्र सरकार सख्त है पर रेस्त्रां संचालक एसोसिएशन इसे कानून सम्मत बताते हुए इसकी पैरोकारी कर रहे हैं। इसे लेकर बृहस्पतिवार को एक बैठक भी हुई थी जिसमें सरकार और सेवा क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल थे।
नई दिल्ली, संवाददाता। सर्विस चार्ज वसूले जाने के मुद्दे पर भले ही केंद्र सरकार सख्त है पर रेस्त्रां संचालक एसोसिएशन इसे कानून सम्मत बताते हुए इसकी पैरोकारी कर रहे हैं। ऐसे में गतिरोध बरकरार है। वैसे, कई रेस्त्रां इसे वसूलते नहीं है, जबकि अधिकतम 10 प्रतिशत तक यह चार्ज वसूलते हैं, जिसे लेकर ही अक्सर ग्राहकों से विवाद हो जाता है।
सवाल यह भी उठाया जाता है कि इसे ग्राहकों की सेवा की संतुष्टता से जोड़कर रखना चाहिए। अगर ग्राहक सेवा से संतुष्ट नहीं है तो इसे वापस करने की व्यवस्था हो और ग्राहक संतुष्ट होता है तो वह टिप देता ही है। हालांकि, देश में पांच लाख से अधिक रेस्त्रां का प्रतिनिधित्व करने वाली नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) का नजरिया अलग हैं।
उसने जारी एक बयान में कहा है कि सर्विस चार्ज को लेकर हो रही सार्वजनिक बहस से ग्राहकों में बेवजह का भ्रम हो रहा है और इससे रेस्त्रां का कामकाज प्रभावित हो रहा है। उसका कहना है कि इसके बारे में मेनू कार्ड में जानकारी लिखी होती है। इसलिए ग्राहक सेवा लेने से पहले इससे वाकिफ होता है। यह रेस्त्रां कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होता है।
अगर इसे हटाया गया तो इससे उनका नुकसान होगा। वैसे, संदेह की जद में यहीं व्यवस्था है। क्योंकि वसूले गए सर्विस चार्ज का कर्मचारियों में वितरण की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। आरोप है कि कई रेस्त्रां संचालक खुद इसे रख लेते हैं। अब रेस्त्रां द्वारा अधिक और मनमाना सर्विस चार्ज वसूले जाने की शिकायतों से निपटने के लिए सरकार कानूनी नियम तय करने जा रही है।
इसे लेकर बृहस्पतिवार को एक बैठक भी हुई थी, जिसमें सरकार और सेवा क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल थे। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बैठक बाद कहा है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद यह स्पष्ट होता है कि ग्राहकों से बिल पर सर्विस चार्ज वसूलना सही नहीं है। सरकार इसे ठीक करने के लिए जल्दी ही कानूनी व्यवस्था बनाएगी।
मौजूदा समय में देशभर के रेस्त्रां में ग्राहकों से खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर मांगा जाता है। यह ऐच्छिक है, लेकिन ग्राहकों को इसे देने के लिए मजबूर किया जाता है। दिक्कत यह है कि यह मेनू में स्पष्ट नहीं होता है। उपभोक्ता राकेश आहूजा के मुताबिक जिस मेन्यू में इसे लिखे होने की बात की जा रही है। उसे इतना बारीक से पढ़ता कौन है। दूसरे यह ग्राहकों के ऊपर निर्भर होना चाहिए।
खान मार्केट रेस्त्रां एसोसिएशन के अध्यक्ष अंशु टंडन ने कहा कि अधिकतर रेस्त्रां संचालक इसे वसूल रहे हैं और कई नहीं भी, लेकिन कई रेस्त्रां संचालक सर्विस चार्ज के कर्मचारियों में वितरण में पारदर्शिता नहीं अपनाते हैं। अब उनकी मार हम सबपर पड़ी है।
दरियागंज स्थित जायका रेस्त्रां के दानिश इकबाल के मुताबिक वह सर्विस चार्ज नहीं लेते हैं। इससे ग्राहकों से विवाद का खतरा रहता है। वहीं, कनाट प्लेस स्थित जेन रेस्त्रां के मालिक मनप्रीत सिंह ने कहा कि यह वैश्विक व्यवस्था है। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।