
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) व अन्य हिंदू संगठनों के श्रीरंगपटना स्थित विवादित जामिया मस्जिद में पूजा करने के आह्वान को देखते हुए कर्नाटक के मांड्य जिला प्रशासन ने शहर की सुरक्षा सख्त कर दी है। हिंदू संगठनों का दावा है कि हनुमान मंदिर को ढहाकर जामिया मस्जिद बनाई गई थी।
मांड्य, पीटीआइ। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) व अन्य हिंदू संगठनों के श्रीरंगपटना स्थित विवादित जामिया मस्जिद में पूजा करने के आह्वान को देखते हुए कर्नाटक के मांड्य जिला प्रशासन ने शहर की सुरक्षा सख्त कर दी है। हिंदू संगठनों का दावा है कि हनुमान मंदिर को ढहाकर जामिया मस्जिद बनाई गई थी। शहर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके तहत किसी भी तरह के प्रदर्शन या जुलूस निकालने पर प्रतिबंध होगा।
सरकार ने दिए सख्ती के निर्देश
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने विहिप के श्रीरंगपटना चलो अभियान को देखते हुए पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखने के हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं। मामले की गंभीरता के मद्देनजर जिला पुलिस के अलावा श्रीरंगपटना में कर्नाटक रिजर्व पुलिस की भी तैनाती की गई है। शहर की सड़कों की बैरिकेडिंग की गई है, जबकि वाहन आदि की जांच के लिए जगह-जगह पुलिस पिकेट भी बनाए गए हैं।
निकाला मार्च
इस बीच, केसरिया गमछा व झंडे के साथ मोटरसाइकिल पर सवार बजरंग दल एवं विहिप के कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगाते विवादित मस्जिद क्षेत्र से गुजरे। टकराव की आशंका को देखते हुए मस्जिद के आसपास की कई दुकानें बंद रहीं। अधिकारियों ने विहिप को मस्जिद तक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है।
श्रीराम सेना ने की प्रतिबंध की आलोचना
श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने प्रतिबंध की आलोचना की। मुथालिक ने कहा, 'मस्जिद के भीतर गणपति मंदिर, एक सरोवर व एक कुआं है। इसके बावजूद बावजूद वहां मदरसे का संचालन किया जा रहा है। वहां नमाज अदा करना गलत है। उन्हें रोका जाना चाहिए। उन्हें बाहर खदेड़ा जाना चाहिए। प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए मैं भाजपा सरकार की निंदा करता हूं।'
मस्जिद का सर्वे कराने की मांग
हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि जामिया मस्जिद से पहले वहां आंजनेय
मंदिर था। 18वीं शताब्दी में शासक रहे टीपू सुल्तान ने मंदिर ध्वस्त करा
दिया और उसकी जगह मस्जिद बनवा दी। संगठन ने जिले के अधिकारियों को ज्ञापन
सौंपकर विवादित जामिया मस्जिद का भी सर्वे कराने की मांग की है। दावा सही
पाए जाने पर आंजनेय मंदिर ¨हदुओं को सौंपने का आग्रह किया गया है।