Delhi University News डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उम्मीद है कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद रैंकिंग में सुधार होगा। हालांकि वह मानते हैं कि इसमें अभी समय लगेगा।
नई दिल्ली, संवाददाता। Delhi University News: क्यूएस विश्व रैंकिंग अबकी बार दिल्ली के लिए खास नहीं रही। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की रैंकिंग में गिरावट हुई। डीयू की रैंकिंग में गिरावट के पीछे बड़ा कारण शिक्षक-छात्र अनुपात में कमी है। रैंकिंग पर नजर डालें तो पता चलता है कि डीयू को अकादमिक प्रतिष्ठा श्रेणी में 34.2, रोजगार परिणाम में 92, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क में 70.8, नियोक्ता प्रतिष्ठा श्रेणी में 31.9 रेटिंग मिली।
शिक्षक-छात्र अनुपात के लिए केवल 4.5, विदेशी फैकल्टी अनुपात के लिए 1.5 और विदेशी छात्र अनुपात श्रेणी में महज 1.9 रे¨टग से संतोष करना पड़ा। इसका असर यह हुआ कि डीयू की क्यूएस रैंकिंग विगत वर्ष के मुकाबले और गिर गई। गत वर्ष डीयू की रैंकिंग 501 से 510 के बीच थी, जबकि इस बार यह 521 से 530 के बीच है। कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य राजेश झा कहते हैं कि डीयू ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की सीटों में 25 प्रतिशत का इजाफा किया है। साथ ही पिछड़ा वर्ग की सीटें भी कुछ बढ़ी हैं। पहले जिस कक्षा में 100 छात्र थे, वहां अब 175 छात्र हो चुके हैं। शिक्षकों की संख्या जस की तस है।
इस कारण शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़ा है। डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उम्मीद है कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद रैंकिंग में सुधार होगा। हालांकि, वह मानते हैं कि इसमें अभी समय लगेगा। डीयू में शिक्षकों के खाली पदों का मामला राज्यसभा में भी उठ चुका है।
गत वर्ष केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि डीयू में शिक्षकों के कुल 3959 पद खाली हैं। हालांकि, इन पदों पर 3000 तदर्थ शिक्षक पढ़ा रहे हैं। गार्गी कालेज में सबसे अधिक शिक्षकों के 216 पद खाली हैं। जानकी देवी मेमोरियल कालेज में 169, रामजस कालेज में 143, देशबंधु कालेज में 132 और वेंकटेश्वर कालेज में 131 पद खाली हैं।