एक सीरियल किलर जिसका कई मुल्कों की पुलिस को था इंतजार, अब फिर चर्चा में है बिकनी किलर

 

एक सीरियल किलर जिसका कई मुल्कों की पुलिस को था इंतजार, अब फिर चर्चा में है बिकनी

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। एक नाम जो कल से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है और अखबार की सुर्खियों में छाया हुआ है, वह है सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज उर्फ हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज का, जो 19 साल बाद नेपाल की जेल से रिहा होने वाला है। 2003 से नेपाल की जेल में सजा काटने के बाद अब नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई का आदेश दे दिया है। बिकनी किलर के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज 70 के दशक में कई देशों के लिए सिरदर्द था। आज हम आपको बताते हैं कि आखिर कैसे बिकनी किलर के नाम से जाना जाने लगा ये शख्स, पढ़िए चार्ल्स की पूरी कहानी...

आपने इससे पहले भी कई कातिलों की कहानियां सुनी होंगी और उन कहानियों में कातिलों की बेरहमी की चर्चाएं भी सुनी होंगी, लेकिन यह कहानी एक ऐसे कातिल की है जिसके कत्ल के कारनामों के साथ उसकी निजी जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प है। चार्ल्स शोभराज...ये नाम सुनते ही आपके दिमाग में शायद एक शातिर क़ातिल की तस्वीर बन जाए, एक ऐसा रहस्यमय रवैये वाला किलर जिसके अपराध और उसकी हरकतों के पीछे उसके बचपन की कोई कुंठा छुपी हुई थी। एक मनोवैज्ञानिक लेखक ने अपनी क़िताब में कुछ अपराधियों के बारे में जिक्र किया था जिसमें चार्ल्स शोभराज का भी नाम था। उनकी किताब के मुताबिक बचपन की कुंठा और अपने माता-पिता से नफ़रत करने की वजह से ही कोई भी इसी तरह का अपराधी बन जाता है जैसा कि चार्ल्स शोभराज।

चार्ल्स शोभराज एक शातिर क़ातिल के बचपन की कहानी...

चार्ल्स की मां वियतनामी और पिता भारतीय थे। उनकी मां अलग होकर रहने लगी थी, क्योंकि दोनों कभी शादी के बंधन में बंधे ही नहीं थे, जिसकी वजह से चार्ल्स के हिन्दुस्तानी पिता ने उसे कभी अपनाया ही नहीं। ऐसे में उसके सामने एक ऐसा वक़्त भी आया जब वो किसी भी देश का नागरिक नहीं था।

चार्ल्स 1944 में वियतनाम के साइगॉन में पैदा हुआ था। उस वक़्त इस शहर पर जापानियों का कब्ज़ा था। शोभराज की मां ने वियतनाम में तैनात एक फ्रांसीसी फौजी से शादी की और पेरिस चली गई। फ्रांसीसी फौजी ने चार्ल्स को अपना लिया जिससे उसे फ्रांस की नागरिकता हासिल हो गई।