डिजिटल भागीदारी का नया दौर, इस साल कितनी बदली तकनीक की दुनिया

 

Year End 2022: New era of digital partnership
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5जी की शुरुआत के साथ ही देश में इंटरनेट और कनेक्टिविटी को नई दिशा मिली है। बैंकिंग रिटेल हेल्थकेयर जैसे तमाम क्षेत्रों में अनेक डिजिटल सफलताएं दर्ज हुई हैं। जानते हैं 2022 की ऐसी ही कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में...

नई दिल्ली, ब्रह्मानंद मिश्र। देश के ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में इंटरनेट के विस्तार की गति तेज हुई है। इससे बड़े पैमाने पर डेटा जेनरेट हो रहा है और डिजिटल सेवाओं की मांग व जरूरत लगातार बढ़ रही है। डिजिटल आइडेंटिटी, ई-साइन, व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम और सर्विस प्लस जैसी अनेक डिजिटल सेवाओं ने आमजन के जीवन को सुविधाजनक बनाया है। अक्टूबर में 5जी लांच के साथ देश में नेटवर्क और कनेक्टिविटी तकनीक के एक नये युग की शुरुआत हुई। जानते हैं इस वर्ष के प्रमुख डिजिटल बदलावों और सेवाओं के बारे में, जिससे लोगों का डिजिटल अनुभव बदल रहा है।

हेल्थकेयर, बैंकिंग, रिटेल में एआइ डायग्नोस्टिक

एल्गोरिदम में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का प्रयोग हो रहा है। इससे कैंसर से लेकर कार्डियोवैस्कुलर तक अनेक बीमारियों की स्क्रीनिंग आसान हुई है। हेल्थकेयर सेक्टर में एआइ का प्रयोग डेटा विश्लेषण, मरीजों के डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। वहीं, बैंकिंग, फाइनेंस, रिटेल और आटोमोटिव में एआइ के अनुप्रयोग बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक एआइ का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान 450 से 500 अरब डालर का हो सकता है। वित्तीय सेवाओं में एआइ की मदद से बैंक डेटा प्रोसेस कर रहे हैं। इससे मार्केट ट्रेंड, करेंसी और स्टाक का अनुमान लगाना आसान हुआ है। एडवांस मशीन लर्निंग टेक्नीक से मार्केट सेंटिमेंट और इन्वेस्टमेंट विकल्पों को आसानी से समझा जाता है। एआइ से बैक आफिस आपरेशन, कस्टमर एक्सपीरियंस, फ्राड डिटेक्शन, निवेश मूल्यांकन, ग्राहक सेवा जैसे कार्य बेहतर हुए हैं।

डिजियात्रा : पेपरलेस यात्रा की शुरुआत

देश में हवाई यात्रा को आसान और पेपररहित बनाने के लिए इस वर्ष दिल्ली समेत कुछ हवाईअड्डों पर 'डिजियात्रा' की शुरुआत की गई। एयर टर्मिनल पर अब यात्रियों को आइडी प्रूफ और बोर्डिंग पास के बजाय फेशियल रिकग्निशयन के जरिये प्रवेश मिल रहा है। दिल्ली, वाराणसी या बेंगलुरु एयरपोर्ट से हवाई यात्रा करने वाले लोगों को अब आइडी प्रूफ और बोर्डिंग पास ले जाने की बाध्यता नहीं है। चेहरे को स्कैन कराके वे सीधे एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकते हैं।

इससे एयरपोर्ट पर भीड़ और सुरक्षा जांच में लगने वाले समय में भी कमी आ रही है। फेशियल रिकग्निशन सिस्टम एयरपोर्ट में प्रवेश से लेकर सुरक्षा जांच एरिया और एयरक्राफ्ट बोर्डिंग आदि के दौरान यात्री को आटोमैटिक प्रवेश देता है। मार्च 2023 तक यह सेवा हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा एयरपोर्ट पर भी शुरू हो जायेगी।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी : ई-रुपये की शुरुआत

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने इस वर्ष देश की पहली डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) यानी डिजिटल रुपये शुरुआत कर दी है। इसकी मदद से कहीं भी आसानी से पेमेंट किया जा सकता है। सीबीडीसी पारंपरिक नोटों की तरह ही केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक इलेक्ट्रानिक करेंसी है। इसकी वैल्यू भी मौजूदा रुपये या सिक्कों के बराबर ही है। आरबीआइ के अनुसार ई-रुपया डिजिटल टोकन आधारित है। यह उसी तरह सुरक्षित है, जिस तरह से 100, 200, 500 रुपये का नोट सुरक्षित है। हालांकि इसे सिर्फ खास वालेट में ही रखा जा सकता है।

इस वालेट को बैंक द्वारा जारी किया जाएगा, लेकिन इसका पूरा नियंत्रण और निगरानी आरबीआइ करेगा। इसके जरिए आप पर्सन टू पर्सन (पी2पी) और पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन कर पाएंगे यानी किसी व्यक्ति या दुकानदार को आसानी से पैसे भेज सकेंगे। इसमें लेन-देन क्यूआर कोड के माध्यम से होता है।

भाषिनी, राष्ट्रीय भाषा तकनीकी मिशन (एनएलटीएम)

इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जुलाई 2022 में लांच किया गया था। स्पीच और टेक्स्ट ट्रांसलेशन के लिए यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नेचुरल लैंग्वेज प्रासेसिंग (एनएलपी) आधारित ओपेन-सोर्स लैंग्वेज टेक्नोलाजी है। इससे भाषाओं को समझने में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकेगा। भविष्य में संस्थाएं इस तकनीक का बहुभाषी इंटरफेस के रूप में इस्तेमाल कर पाएंगी। वर्तमान में इस प्लेटफार्म पर 10 भारतीय भाषाओं में 289 प्री-ट्रेंड एआइ माडल उपलब्ध हैं।

फ्यूचर स्किल प्राइम इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआइटीवाइ) ने नासकाम के सहयोग से फ्यूचर स्किल्स प्राइम कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य आइटी पेशेवरों की 10 नई और उभरती तकनीकों में री-स्किलिंग और अपस्किलिंग करनी है। इसमें आग्युमेंटेड/वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट आफ थिंग्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, एआइ, रोबोटिक प्रासेस आटोमेशन, एडिटिव मैनुफैक्चरिंग/थ्रीडी प्रिंटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, सोशल एवं मोबाइल, साइबर सिक्योकिटी और ब्लाकचेन तकनीकें प्रमुख हैं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल सब-सिस्टम

इलेक्ट्रिक मोटर, कंट्रोलर, कन्वर्टर चार्जर आदि के विकास के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल सब सिस्टम को विकसित करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस तकनीकी विकास कार्यक्रम से कम लागत में गुणवत्तापूर्ण और वाणिज्यिक प्रयोग हेतु उत्पाद तैयार किये जाएंगे। वर्तमान में इसके तहत मोटर, कंट्रोलर, कन्वर्टर और ईवी चार्जर की तकनीकों का विकास किया जा रहा है।

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विभिन्न सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी

मेरी पहचान, नेशनल सिंगल साइन-आन (एनएसएसओ) : यह यूजर आथेंटिकेशन सर्विस है, जहां क्रिडेंशियल के सिंगल सेट लाग-इन से विभिन्न आनलाइन एप्लीकेशन या सेवाओं तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की पांच हजार से आधिक सेवाएं इससे जुड़ चुकी हैं। एनएसएसओ की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा 4 जुलाई, 2022 को की गई थी। मेरी पहचान https://meripehchaan.gov.in/ से डिजिलाकर, ई-प्रमाण, जन-परिचय जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

माय स्कीम : यह इस वर्ष सरकार द्वारा शुरू की गई ई-मार्केटप्लेस योजना है, जहां नागरिक अपनी डेमोग्राफी के आधार पर योजनाओं को खोज सकते हैं। वर्तमान में 27 केंद्र और राज्य/केंद्र शासित सरकारों की 180 योजनाएं इससे जुड़ी हैं। इन्हें 13 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। इस प्लेटफार्म (https://www.myscheme.gov.in/) पर कृषि, ग्रामीण एवं पर्यावरण, बैंकिंग, फाइनेंशियल, बिजनेस, एंटरप्रेन्योरशिप, एजुकेशन व लर्निंग, हेल्थ व वेलनेस, खेल आदि से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इंडिया स्टैक : ग्लोबल भारतीय डिजिटल उपलब्धियों और क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का यह बेजोड़ माध्यम है। इसमें 12 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट/प्लेटफार्म-आधार, यूपीआइ, को-विन, एपीआइ सेतु, डिजिलाकर, आरोग्यसेतु, जीइएम, उमंग, दीक्षा, ई-संजीवनी, ई-हास्पिटल और ई-आफिस आदि को इंडिया स्टैक ग्लोबल पोर्टल पर संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है।

ई-साइन : ई-सिग्नेचर या इलेक्ट्रानिक सिग्नेचर किसी इलेक्ट्रानिक दस्तावेज पर कानूनी ढंग से हस्ताक्षर करने की आनलाइन प्रक्रिया है। यह हाथ से लिखित सिग्नेचर का विकल्प है। आधार कार्ड धारक द्वारा आसान, प्रभावी और सुरक्षित ढंग से किसी डाक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किया जा सकता है। अभी तक 34.41 करोड़ ई-साइन को जारी किया जा चुका है। इसमें से 8.22 करोड़ ई-साइन सीडीएसी द्वारा जारी किये गए हैं।

आरोग्य सेतु : कोविड-19 संक्रमण से बचाव उपायों के तौर पर भारत सरकार द्वारा इस एप को अप्रैल 2020 में लांच किया गया था। यह कांटैक्ट ट्रेसिंग प्रणाली पर काम करता है और संक्रमण के मामलों की निगरानी तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में सरकारी संस्थाओं की मदद करता है। अब यह एप राष्ट्रीय स्वास्थ्य एप के रूप में काम कर रहा है। इसमें लगभग सभी डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ा गया है और इसे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन द्वारा संचालित किया जा रहा है। अब यूजर इसके माध्यम से अनेक तरह की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) : जीपीएस आधारित डिवाइस के जरिये सार्वजनिक वाहनों को ट्रैक और मानिटर करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है। इस सिस्टम में पैनिक अलर्ट भेजने जैसी व्यवस्था भी है। प्रभावी निगरानी तंत्र के माध्यम से यात्रियों की तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराने का भी इसमें प्रविधान है।

सर्विस प्लस : यह मेटा डेटा आधारित ई-सर्विस डिलीवरी फ्रेमवर्क है, जिससे कामन सर्विस डिलीवरी आउटलेट के माध्यम से आम आदमी को उसकी स्थानीय जगह पर सभी सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके माध्यम से 2700 से अधिक सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।