आपकी यात्रा की प्लानिंग में मदद करेगा 'डिसीजन ट्री', घंटों पहले घने कोहरे का देगा अलर्ट

 


नई दिल्ली, विवेक तिवारी। पूरे उत्तर भारत में घने कोहरे का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इसका असर विमानन सेवाओं पर भी पड़ रहा है। अगर आपको एयरपोर्ट पहुंचने पर घने कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होने की चिंता सताती है, तो आपके लिए राहत की खबर है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसे 'डिसीजन ट्री' नाम दिया गया है। इस मॉडल की मदद से 10 घंटे पहले पता लग जाएगा कि घना कोहरा कब पड़ने वाला है। ऐसे में अगर कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होती है तो इसकी सूचना यात्रियों को घंटों पहले मिल जाएगी।

कोहरे का अपडेट समय से मिलने पर पायलटों के लिए विमान की लैंडिंग और उड़ान भी आसान हो जाएगी। फिलहाल इस मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे के करीब लगाया गया है।

'डिसीजन ट्री' मॉडल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की ओर से विंटर फॉग रिसर्च प्रोजेक्ट के हेड सचिन गुढे के नेतृत्व में तैयार किया गया है। 'डिसीजन ट्री' मॉडल को बनाने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की टीम के वैज्ञानिक नरेंद्र गोकुल धनगर कहते हैं सामान्य तौर पर कोहरे का अनुमान लगाने के लिए न्यूमेरिकल वैल्यू या मौसम के कई साल के आंकड़ों और अन्य मानकों का सहारा लिया जाता है। डिसीजन ट्री मॉडल पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। इसके तहत आईजीआई एयरपोर्ट के एक रनवे के करीब 20 मीटर का एक टावर बनाया गया है। इस टावर में नीचे 2 मीटर पर और ऊपर 20 मीटर पर कई सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर हवा में आर्द्रता, तापमान, हवा की स्पीड, जमीन की गर्मी और रेडिएशन सहित कई अन्य पैमानों का डेटा जुटाते हैं।

उन्होंने बताया कि डिसीजन ट्री मॉडल में पिछले तीन सालों के मौसम के डेटासेट का भी इस्तेमाल हुआ है। इसके आधार पर अगले 10 घंटों में घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। 50 मीटर तक की विजिबिल्टी के लिए ये मॉडल काफी कारगर रहा है। पिछले एक साल में मिले परिणामों के तहत 70 फीसदी से ज्यादा बार घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सका। उन्होंने बताया कि इस मॉडल को इस तरह डेवलप किया जा रहा है कि हाइवे पर 100 से 500 मीटर तक की विजिबिल्टी को लेकर कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सके।

jagran

इस रिसर्च में शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के शोधार्थी अविनाश कहते हैं कि 'डिसीजन ट्री' बेहद सटीक मॉडल है। इसमें कुछ मशीनें और सेंसर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस बदलाव के बाद घने कोहरे का और सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इस मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किए जाने की भी योजना है। तब इसके जरिए 90 फीसदी अनुमान सटीक होंगे।

आईएमडी के अनुसार कोहरे के आधार पर 0 और 50 मीटर के बीच विजिबिलिटी होने पर बहुत घना कोहरा माना जाता है। वहीं 51 से 200 मीटर की विजिबिल्टी को घना कोहरा, 201 से 500 मीटर की विजिबिल्टी को मध्यम कोहरा और 501 से 1,000 मीटर तक की विजिबिल्टी होने पर हल्का कोहरा माना जाता है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा का पूर्वानुमान जताया है।

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मौसम विभाग के मुताबिक गंगा के मैदानी इलाकों में हवा में नमी और ठंडी हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में सुबह के समय और रात को कुछ जगहों पर काफी घना कोहरा देखने को मिल सकता है। अगले तीन दिनों तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं अगले 2-3 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में सुबह और रात के दौरान घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी के मुताबिक फिलहाल एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। एक पश्चिमी विभोग 30 दिसम्बर के करीब दस्तक देगा। ऐसे में पहाड़ों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी। उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलते दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में 26 दिसम्बर से अगले दो से तीन दिनों तक शीतलहर दर्ज की जा सकती है।  पकी यात्रा की प्लानिंग में मदद करेगा 'डि आ सीजन ट्री', घंटों पहले घने कोहरे का देगा अलर्ट

VIVEK TIWARISat, 24 Dec 2022 10:44 AM (IST)

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसे डिसीजन ट्री नाम दिया गया है। इस मॉडल की मदद से 10 घंटे पहले पता लग जाएगा कि घना कोहरा कब पड़ने वाला है।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। पूरे उत्तर भारत में घने कोहरे का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इसका असर विमानन सेवाओं पर भी पड़ रहा है। अगर आपको एयरपोर्ट पहुंचने पर घने कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होने की चिंता सताती है, तो आपके लिए राहत की खबर है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसे 'डिसीजन ट्री' नाम दिया गया है। इस मॉडल की मदद से 10 घंटे पहले पता लग जाएगा कि घना कोहरा कब पड़ने वाला है। ऐसे में अगर कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होती है तो इसकी सूचना यात्रियों को घंटों पहले मिल जाएगी।

कोहरे का अपडेट समय से मिलने पर पायलटों के लिए विमान की लैंडिंग और उड़ान भी आसान हो जाएगी। फिलहाल इस मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे के करीब लगाया गया है।

'डिसीजन ट्री' मॉडल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की ओर से विंटर फॉग रिसर्च प्रोजेक्ट के हेड सचिन गुढे के नेतृत्व में तैयार किया गया है। 'डिसीजन ट्री' मॉडल को बनाने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की टीम के वैज्ञानिक नरेंद्र गोकुल धनगर कहते हैं सामान्य तौर पर कोहरे का अनुमान लगाने के लिए न्यूमेरिकल वैल्यू या मौसम के कई साल के आंकड़ों और अन्य मानकों का सहारा लिया जाता है। डिसीजन ट्री मॉडल पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। इसके तहत आईजीआई एयरपोर्ट के एक रनवे के करीब 20 मीटर का एक टावर बनाया गया है। इस टावर में नीचे 2 मीटर पर और ऊपर 20 मीटर पर कई सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर हवा में आर्द्रता, तापमान, हवा की स्पीड, जमीन की गर्मी और रेडिएशन सहित कई अन्य पैमानों का डेटा जुटाते हैं।

उन्होंने बताया कि डिसीजन ट्री मॉडल में पिछले तीन सालों के मौसम के डेटासेट का भी इस्तेमाल हुआ है। इसके आधार पर अगले 10 घंटों में घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। 50 मीटर तक की विजिबिल्टी के लिए ये मॉडल काफी कारगर रहा है। पिछले एक साल में मिले परिणामों के तहत 70 फीसदी से ज्यादा बार घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सका। उन्होंने बताया कि इस मॉडल को इस तरह डेवलप किया जा रहा है कि हाइवे पर 100 से 500 मीटर तक की विजिबिल्टी को लेकर कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सके।

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इस रिसर्च में शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के शोधार्थी अविनाश कहते हैं कि 'डिसीजन ट्री' बेहद सटीक मॉडल है। इसमें कुछ मशीनें और सेंसर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस बदलाव के बाद घने कोहरे का और सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इस मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किए जाने की भी योजना है। तब इसके जरिए 90 फीसदी अनुमान सटीक होंगे।

आईएमडी के अनुसार कोहरे के आधार पर 0 और 50 मीटर के बीच विजिबिलिटी होने पर बहुत घना कोहरा माना जाता है। वहीं 51 से 200 मीटर की विजिबिल्टी को घना कोहरा, 201 से 500 मीटर की विजिबिल्टी को मध्यम कोहरा और 501 से 1,000 मीटर तक की विजिबिल्टी होने पर हल्का कोहरा माना जाता है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा का पूर्वानुमान जताया है।

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मौसम विभाग के मुताबिक गंगा के मैदानी इलाकों में हवा में नमी और ठंडी हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में सुबह के समय और रात को कुछ जगहों पर काफी घना कोहरा देखने को मिल सकता है। अगले तीन दिनों तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं अगले 2-3 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में सुबह और रात के दौरान घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी के मुताबिक फिलहाल एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। एक पश्चिमी विभोग 30 दिसम्बर के करीब दस्तक देगा। ऐसे में पहाड़ों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी। उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलते दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में 26 दिसम्बर से अगले दो से तीन दिनों तक शीतलहर दर्ज की जा सकती है।  यात्रा की प्लानिंग में मदद करेगा 'डिसीजन ट्री', घंटों पहले घने कोहरे का देगा अलर्ट

VIVEK TIWARISat, 24 Dec 2022 10:44 AM (IST)

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसे डिसीजन ट्री नाम दिया गया है। इस मॉडल की मदद से 10 घंटे पहले पता लग जाएगा कि घना कोहरा कब पड़ने वाला है।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। पूरे उत्तर भारत में घने कोहरे का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। इसका असर विमानन सेवाओं पर भी पड़ रहा है। अगर आपको एयरपोर्ट पहुंचने पर घने कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होने की चिंता सताती है, तो आपके लिए राहत की खबर है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल तैयार किया है जिसे 'डिसीजन ट्री' नाम दिया गया है। इस मॉडल की मदद से 10 घंटे पहले पता लग जाएगा कि घना कोहरा कब पड़ने वाला है। ऐसे में अगर कोहरे के चलते फ्लाइट कैंसिल होती है तो इसकी सूचना यात्रियों को घंटों पहले मिल जाएगी।

कोहरे का अपडेट समय से मिलने पर पायलटों के लिए विमान की लैंडिंग और उड़ान भी आसान हो जाएगी। फिलहाल इस मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे के करीब लगाया गया है।

'डिसीजन ट्री' मॉडल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की ओर से विंटर फॉग रिसर्च प्रोजेक्ट के हेड सचिन गुढे के नेतृत्व में तैयार किया गया है। 'डिसीजन ट्री' मॉडल को बनाने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की टीम के वैज्ञानिक नरेंद्र गोकुल धनगर कहते हैं सामान्य तौर पर कोहरे का अनुमान लगाने के लिए न्यूमेरिकल वैल्यू या मौसम के कई साल के आंकड़ों और अन्य मानकों का सहारा लिया जाता है। डिसीजन ट्री मॉडल पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। इसके तहत आईजीआई एयरपोर्ट के एक रनवे के करीब 20 मीटर का एक टावर बनाया गया है। इस टावर में नीचे 2 मीटर पर और ऊपर 20 मीटर पर कई सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर हवा में आर्द्रता, तापमान, हवा की स्पीड, जमीन की गर्मी और रेडिएशन सहित कई अन्य पैमानों का डेटा जुटाते हैं।

उन्होंने बताया कि डिसीजन ट्री मॉडल में पिछले तीन सालों के मौसम के डेटासेट का भी इस्तेमाल हुआ है। इसके आधार पर अगले 10 घंटों में घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। 50 मीटर तक की विजिबिल्टी के लिए ये मॉडल काफी कारगर रहा है। पिछले एक साल में मिले परिणामों के तहत 70 फीसदी से ज्यादा बार घने कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सका। उन्होंने बताया कि इस मॉडल को इस तरह डेवलप किया जा रहा है कि हाइवे पर 100 से 500 मीटर तक की विजिबिल्टी को लेकर कोहरे का सटीक अनुमान लगाया जा सके।

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इस रिसर्च में शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी के शोधार्थी अविनाश कहते हैं कि 'डिसीजन ट्री' बेहद सटीक मॉडल है। इसमें कुछ मशीनें और सेंसर लगाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस बदलाव के बाद घने कोहरे का और सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इस मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किए जाने की भी योजना है। तब इसके जरिए 90 फीसदी अनुमान सटीक होंगे।

आईएमडी के अनुसार कोहरे के आधार पर 0 और 50 मीटर के बीच विजिबिलिटी होने पर बहुत घना कोहरा माना जाता है। वहीं 51 से 200 मीटर की विजिबिल्टी को घना कोहरा, 201 से 500 मीटर की विजिबिल्टी को मध्यम कोहरा और 501 से 1,000 मीटर तक की विजिबिल्टी होने पर हल्का कोहरा माना जाता है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा का पूर्वानुमान जताया है।

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मौसम विभाग के मुताबिक गंगा के मैदानी इलाकों में हवा में नमी और ठंडी हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में सुबह के समय और रात को कुछ जगहों पर काफी घना कोहरा देखने को मिल सकता है। अगले तीन दिनों तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं अगले 2-3 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में सुबह और रात के दौरान घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी के मुताबिक फिलहाल एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। एक पश्चिमी विभोग 30 दिसम्बर के करीब दस्तक देगा। ऐसे में पहाड़ों में बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी। उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलते दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में 26 दिसम्बर से अगले दो से तीन दिनों तक शीतलहर दर्ज की जा सकती है।