रूसी राजनयिक की दो टूक कहा- NATO के प्रशिक्षकों को छोड़ना होगा यूक्रेन, तभी होगी बात

 

मास्को, एजेंसी। NATO Instructors Must Leave Ukraine Before Talks: एक वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने शुक्रवार को कहा कि, रूस के लिए सुरक्षा गारंटी पर बातचीत तब तक नहीं हो सकती जब तक नाटो के प्रशिक्षक और "भाड़े के सैनिक" यूक्रेन में रहते हैं। उन्होंने कहा कि, जब तक यूक्रेन में हथियारों की आपूर्ति जारी रहती है, तब तक ये संभव नहीं है। रूसी विदेश मंत्रालय के उत्तरी अमेरिका विभाग के प्रमुख अलेक्जेंडर डार्चिव ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास (TASS) को एक साक्षात्कार दिया। उन्होंने कहा, "जब तक हथियारों की आपूर्ति और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की शासन को वित्तीय मदद मिलना बंद नहीं हो जाती और नाटो सैनिकों, भाड़े के सैनिकों, प्रशिक्षकों को वापस नहीं बुलाया जाता है, बातचीत अपरिपक्व होगी।

बातचीत के लिए तैयार है रूस

रूस आमतौर पर यूक्रेनी सेना के साथ लड़ने वाले विदेशियों को "भाड़े के सैनिकों" के रूप में संदर्भित करता है। पकड़े गए विदेशी लड़ाकों को दोषी ठहराय चुका है। रूसी अधिकारियों ने हाल के दिनों में इस बात पर भी जोर दिया है कि वो यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि, ये बात भी कही जाती रही है कि, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की शांतिपूर्ण समाधान में रुचि नहीं रखते हैं। डार्चिव ने कहा कि "जमीन पर परिभाषित वास्तविकताओं की मान्यता" के साथ वार्ता की भी आवश्यकता होगी। साफ है कि उनका इशारा पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर रूस के नियंत्रण को लेकर है।

अमेरिका ने दी 1.85 अरब की मदद

बताते चलें कि, रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी के अंत में शुरू हुआ युद्ध पिछले 10 महीनों से चल रहा है। इस बीच पहली बार जेलेंस्की अमेरिका के दौरे पर पहुंचे, वहां उन्होंने आर्थिक और सैन्य मदद मांगी। इसके बाद अमेरिका ने यूक्रेन को 1.85 अरब डॉलर की सैन्य मदद देने की घोषणा की है।