बूस्टर डोज के तौर पर कोवोवैक्स को अनुमति देने की तैयारी में सरकार, 11 जनवरी को हो सकता है निर्णय

 


बूस्टर डोज के तौर पर कोवोवैक्स को अनुमति दे सकती है सरकार

दुनिया में बढ़ते कोविड मामलों के चलते सरकार सचेत है। इसी कड़ी में एक और फैसला आने की संभावना है जिसके तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवोवैक्स को हैट्रोलॉगस बूस्टर डोज के तौर पर मान्यता दी जा सकती है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण के विशेषज्ञों का दल बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोवोवेक्स को वयस्कों के लिए विषम बूस्टर खुराक (Heterologous Booster Dose) के तौर पर अनुमति प्रदान कर सकता है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसे वे वयस्क लगवा सकते हैं, जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सीन के दो डोज लिए हैं। विभिन्न देशों में कोविड के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए ऐसा फैसला लिया जा सकता है।

डीसीजीआई को लिखा था पत्र

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक 11 जनवरी को होने वाली है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने दुनिया भर में कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को एक पत्र लिखा था, जिसमें कोवोवैक्स को वयस्कों के लिए विषम बूस्टर खुराक के रूप में मंजूरी देने की मांग की गई थी।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, आज हर कोई भारत की ओर देख रहा है

आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल

डीसीजीआई ने 28 दिसंबर 2021 को आपातकालीन स्थिति में  9 मार्च 2022 को 12-17 आयु वर्ग के लोगों के लिए और 28 जून, 2022 को 7-11 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोवोवैक्स के सीमित उपयोग को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी। कोवोवैक्स का निर्माण एसआईआई ने नोवावैक्स की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए किया है। इसे यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने सशर्त अनुमति प्रदान की है। इसे 17 दिसंबर 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किया गया था। अगस्त 2020 में अमेरिका स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी नोवावैक्स ने एसआईआई के साथ व्यावसायिक स्तर पर भारत और निम्न मध्यम आय वाले देशों में इस वैक्सीन के विकास का करार किया था।

पहले टीकों से नहीं पड़ता फर्क

हैट्रोलॉगस बूस्टर डोज का तात्पर्य ऐसे डोज से है, जो किसी व्यक्ति को पहले लगी वैक्सीन से अलग होता है। इसमें व्यक्ति द्वारा लगवाई गई पहली या दूसरी वैक्सीन से फर्क नहीं पड़ता। जैसे किसी व्यक्ति ने शुरुआती दो डोज के तौर पर कोवैक्सीन या कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाईं हों, लेकिन वह भी इस वैक्सीन को बूस्टर डोज की तरह लगवा सकता है।