जल्द निगम चुनाव की राह नहीं दिखती आसान, अब नए सिरे से होनी है वार्डबंदी

 


Faridabad : जल्द निगम चुनाव की राह नहीं दिखती आसान

Faridabad Nagar Nigam Chunav नगर निगम के पिछले चुनाव आठ जनवरी-2017 को हुए थे और निगम सदन का कार्यकाल गत वर्ष फरवरी माह तक था। इसके बाद सदन का अस्तित्व खत्म होने से सारी शक्तियां नगर निगम आयुक्त के पास आ गई थीं।

फरीदाबाद,  संवाददाता। नगर निगम चुनाव के भारतीय जनता पार्टी के बाद कांग्रेस ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं, पर सरकार ने जिस तरह से नए सिरे से वार्ड बंदी करने के निर्देश दिए हैं, उससे निगम चुनाव के जल्द होने की राह आसान नहीं दिखती और अगर चुनाव देरी से होते हैं तो फिर संभावित प्रत्याशियों की तैयारियां धरी रह सकती हैं।

अब प्रदेश सरकार के शहरी निदेशालय ने निगम चुनाव की वार्ड बंदी परिवार पहचान पत्र के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के बाद जिला प्रशासन वार्ड बंदी की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी है, पर इसमें अभी समय लगेगा। नगर निगम के पिछले चुनाव आठ जनवरी-2017 को हुए थे और निगम सदन का कार्यकाल गत वर्ष फरवरी माह तक था। इसके बाद सदन का अस्तित्व खत्म होने से सारी शक्तियां नगर निगम आयुक्त के पास आ गई थीं।

इससे पहले सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर नगर निगम में 24 गांवों को शामिल करने की घोषणा की थी। इसके बाद नगर निगम का नए सिरे से परिसीमन हुआ और वार्डों की संख्या 40 से बढ़ कर 45 हो गई थी। इस प्रक्रिया में शहरी क्षेत्र के कई मौजूदा वार्डों का भौगोलिक स्वरूप बदल गया था। तब विभिन्न आरडब्ल्यूए व सामाजिक संस्थाओं ने इसका विरोध भी किया था, पर हुआ कुछ नहीं।

खैर नई वार्डबंदी के आधार पर ही चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी, पर चुनावी आहट शुरू नहीं हुई। अब जब पूरा साल बीत गया तो नए वर्ष में फिर से सुगबुगाहट शुरू हुई हैं। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री व निगम चुनाव के सह प्रभारी सहित केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भाजपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने का संदेश दिया था। उससे तो ऐसा लगता हे कि सरकार अब कभी चुनाव घोषित करवा सकती है।

शुक्रवार को ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी तैयारी शुरू करने के संकेत दिए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने निगम चुनाव कांग्रेस के चुनाव निशान पर लड़ने को कहा है और अब प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने तीन मानेसर, गुरुग्राम व फरीदाबाद नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए आब्जर्वर भी नियुक्त कर दिए हैं। दोनों दलों की इन तैयारियों को मानें तो चुनाव कभी भी घोषित हो सकते हैं।

फरवरी में सूरजकंड मेला और फिर परीक्षाएं

फरवरी के पहले पखवाड़े में सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का आयोजन होगा। उसके बाद फरवरी के मध्य में सीबीएसई की और फिर 27 फरवरी से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की दसवींं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इधर नए सिरे से परिवार पहचान पत्र के आधार पर वार्डबंदी होगी तो उसमें समय लगेगा। अगर इस नजरिए से देखा जाए तो लगता नहीं कि चुनाव शीघ्र होंगे।

सीधे होने हैं महापौर के चुनाव

नगर निगम में महापौर के चुनाव इस बार प्रत्यक्ष रूप से होने हैं अर्थात जनता ही सीधे महापौर पद के लिए वोट डालेगी।

अभी इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं है। जिला प्रशासन की ओर से जैसे आदेश आएंगे, उसी अनुसार वार्डबंदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

-रवि सिंगला, पूर्व सलाकार, नगर निगम वार्डबंदी प्रक्रिया

सरकार अपने फैसलों को बार-बार बदल रही है। सरकार दुविधा में है। इन दिनों उन्हें अपनी हार दिखाई दे रही है। इसलिए चुनाव कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। जनप्रतिनिधि भी नहीं चाहते कि निगम चुनाव हों। सरकार को चुनाव शीघ्र करवाने चाहिए।