दो किसान नेताओं के बीच विवाद होने से गांव में पसरा सन्नाटा, पुलिस प्रशासन ने की पिकेट तैनात

 

गढ़ी में दो किसान नेताओं के बीच विवाद होने से गांव में पसरा सन्नाटा

kasganj News गढ़ी में दो किसान संगठनों के नेताओं के बीच विवाद और झगड़े के बाद गांव में तनाव है। दोनों के समर्थक मिलने पहुंच रहे हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। गांव में पिकेट तैनात कर दी है।

 संवाददाता, कासगंज: गढ़ी में दो किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुए विवाद और झगड़े के बाद गांव में तनाव भरी खामोशी है। दोनों के समर्थक मिलने पहुंच रहे हैं और आगे की रणनीति बन रही हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। गांव में पिकेट तैनात कर दी गई है। पुलिस-प्रशासन सतर्क है और दोनों संगठनों की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।

गढ़ी गांव किसान राजनीति का गढ़

जानकारी के मुताबिक, ढोलना क्षेत्र का गांव गढ़ी किसान राजनीति का गढ़ है। यह गांव दो हिस्सों में बंटा है। एक हिस्से को गढ़ी हरनाठेर तो दूसरे को गढ़ी पचगाई कहते हैं। इनका बंटवारा एक गली के माध्यम से है। गढ़ी हरनाठेर में भाकियू (स्वराज) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप पांडेय का आवास है तो गढ़ी पचगाई में भाकियू (हलधर) की युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष अरुण चौहान का। वैसे दोनों के मकान आमने-सामने ही हैं।

दोनों पक्षों ने फायरिंग और पथराव के लगाए आरोप

चूंकि दोनों ही किसानों की राजनीति करते हैं, तो इनके बीच मतभेद हैं। इसी के चलते शुक्रवार की रात दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था। दोनों पक्षों ने फायरिंग और पथराव के आरोप लगाए थे। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीरों पर एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अरुण की तहरीर पर कुलदीप पांडेय और उनके भाइयों सहित छह नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है, जबकि सुरजीत पांडेय की तहरीर पर अरुण सहित 16 लोगों को नामजद किया गया है।

गांव में पुलिस पिकेट तैनात

दोनों ही रिपोर्टों में बलवा, जानलेवा हमला आदि की धाराएं लगाई गई है। अरुण की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में महिला से छेड़छाड़ की धारा अतिरिक्त है। चूंकि अरुण ने आरोप लगाया था कि उनकी बहन के साथ मारपीट की गई और उसके कपड़े फाड़ दिए गए। इधर, दोनों ही पक्ष रविवार को अपने आवासों पर रहे। उनके समर्थक मिलने के लिए पहुंचते रहे और रणनीति बनती रही। पुलिस-प्रशासन इसे लेकर चौकन्ना रहा। वह दोनों ही पक्षों की गतिविधियों की टोह लेता रहा। इधर, सुरक्षा की दृष्टि से गांव में पुलिस पिकेट भी तैनात रही।