जब मन हो तब निकल जाते हैं ड्राइव पर? ठहर जाइए, सरकार ने बताया भारतीय सड़कों पर ड्राइविंग का सबसे खतरनाक समय

Most Dangerous Time To Drive On India Roads, See Details

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अगर आप बहुत ज्यादा ड्राइव करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि सड़कों पर चलने के लिए कौन-सा समय सबसे सुरक्षित है और कौन-सा सबसे खतरनाक। हाल में सरकार की एक डाटा सामने आई है जिसमें इसके बारे में खुलासा हुआ है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अगर आप भी उन लोगों में से है जो अपना मूड ठीक करने, मस्ती करने या किसी भी बहाने से ड्राइव पर निकल जाते हैं तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। सड़क पर गाड़ी चलाते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है और जरा-सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि, अब सरकार की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कौन-से समय में जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। इस समय में अधिक सावधानी बरतकर आप होने वाली दुर्घटना की आशंका को कम कर सकते हैं।

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ये है सबसे जोखिम भरा समय

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर 3 से 9 बजे की अवधि भारतीय सड़कों पर काफी जोखिम भरी और घातक साबित हुई है और 2021 में रजिस्टर्ड हुए कुल सड़क दुर्घटनाओं में से लगभग 40% इसी दौरान दर्ज किये गए हैं। इसमें से भी शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच के अंतराल में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे ज्यादा संख्या दर्ज की गई है। 2021 के बीच, भारत में शाम 6 बजे से रात 9 बजे के दौरान 85,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं। यह देश में कुल दुर्घटनाओं का लगभग 21% हिस्सा है।

3 बजे से 6 बजे के बीच के समय में होनी वाली दुर्घटनाएं लगभग लगभग 18% है। वहीं, 2021 के दौरान, 4,996 दुर्घटनाओं के समय का पता नहीं चल सका था।

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इस दौरान होती है सबसे कम दुर्घटना

दोपहर 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच की समयावधि सबसे सुरक्षित है, इस दौरान 10 फीसदी से कम दुर्घटनाओं को दर्ज किया गया है। 2017 के बाद से दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच की अवधि में होने वाली कुल दुर्घटनाओं का 35% से अधिक इसी समय में दर्ज किये गए हैं।

इस राज्य में होती सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं 

सरकार की रिपोर्ट से पता चलता है कि शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच तमिलनाडु में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती है। यह आंकड़ा 14,416 दुर्घटनाओं का है। इसके बाद मध्य प्रदेश है जहां 10,332 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। केरल, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कुल मिलाकर दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के दौरान 82,879 दुर्घटना के मामले दर्ज किए गए हैं।