गुजरात प्रभारी रहे डॉ रघु का फूंका पुतला, अजमेर अध्यक्ष को लेकर दखल देने पर हैं नाराज हैं कांग्रेसी

 

 

Rajasthan: रघु शर्मा के पुतले जलना शुरू

Rajasthan जिला परिषद के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रघु शर्मा का पुतला जलाया है। नाराज कांग्रेसियों का आरोप है कि रघु शर्मा अपने प्रभाव से देहात के एक नेता को अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।

अजमेर,  संवादाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी 10 माह शेष है, लेकिन कांग्रेस में अजमेर जिले के सबसे शक्तिशाली नेता माने जाने वाले केकड़ी के विधायक एवं पूर्व चिकित्सा मंत्री एवं गुजरात विधानसभा प्रभारी डॉ रघु शर्मा के पुतले जलना शुरू हो गए हैं। जिला परिषद के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही रघु शर्मा का पुतला जलाया। नाराज कांग्रेसियों का आरोप है कि रघु शर्मा अपने प्रभाव से देहात के एक नेता को अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।

रघु शर्मा की राय की मिलेगी प्राथमिकता

चूंकि रघु शर्मा का सरकार और संगठन में दखल है, इसलिए माना जा रहा है कि शहर और देहात के संगठन में रघु शर्मा की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। पूर्व में भी रघु शर्मा ने अपने चहेतों को ही सरकार और संगठन में एडजस्ट करवाया है। इससे कांग्रेस का आम कार्यकर्ता नाराज है। कार्यकर्ताओं का कहना था कि पाषदों के मनोनयन में भी डॉ रघु शर्मा ने अपने चहतों को स्थान दिलाया। यह नाराजगी शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में भी देखी जा रही है। केकड़ी से लेकर अजमेर शहर तक डॉ रघु का विरोध हो रहा है।

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रघु शर्मा ने अजमेर में बढ़ाई सक्रियता 

नाराज कांग्रेसियों का कहना है कि अभी तो शुरुआत हुई है। आने वाले दिनों में और नाराजगी देखने को मिलेगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि रघु शर्मा जब प्रदेश के चिकित्सा मंत्री थे, तब भी लोगों की नाराजगी सामने आई थी। कोई एक वर्ष पहले डॉ रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन गुजरात के चुनावों में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई, इसके बाद डॉ रघु ने प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि अभी रघु का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। बावजूद उन्होंने अभी अजमेर जिले की राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी है।

गहलोत और पायलट खेमें में बंटी कांग्रेस

इधर, राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड के धर्मेन्द्रसिंह राठौड़ भी अजमेर उत्तर व पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आने लगे हैं। वे विधानसभा चुनाव में यहां से विधायकी का टिकट पाने में सफल रहते हैं तो उन्हें लोगों तक अपना नाम, काम और पहचान बताने में ज्यादा परेशानी ना हो इस दृष्टि वे कोई ना कोई मुद्दा व बहाना खोज कर लोगों के बीच जा रहे हैं और अजमेर व पुष्कर विकास की योजनाओं में अपना दखल रख रहे हैं। स्थानीय कांग्रेस वैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व  उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुटो में विभाजित है। ऐसे में आम कार्यकर्ता जो अपने क्षेत्र में थोड़ा बहुत भी वजूद बनाए रखे हुए है वह इन बाहरी नेताओं के हस्तक्षेप से स्वयं को ठगा से महसूस कर रहा है लिहाजा आगे के हालातों में राजनीति की चाल को भांपते हुए उन्होंने अभी से विरोध शुरू कर दिया है।