पेट्रोलिंग से अपराधों पर लगेगी लगाम - पूर्व पुलिस महानिदेशक

 


नई दिल्ली  संवाददाता : दस साल पहले और वर्तमान के दिल्ली-एनसीआर में काफी अंतर है। इस दौरान जनसंख्या तो बढ़ी, लेकिन उस हिसाब से कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिए संसाधन नहीं बढ़ाए गए। दिल्ली-एनसीआर में अगर कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना है तो सबसे पहले पुलिस महकमे में रिक्त भर्तियों की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। महिला पुलिसकर्मियों की अधिक तैनाती करनी होगी।

पेट्रोलिंग जितनी अधिक - अपराध उतना कम

जनशक्ति के साथ ही वाहनों की कमी को भी दूर करना होगा,तभी हर घटना के बाद अल्प समय में पुलिस त्वरित सहायता प्रदान कर सकेगी। इसके अलावा सर्विलांस का दायरा और अधिक मजबूत करना होगा। हाल ही में दिल्ली में एक घटना हुई, जिसमें शामिल एक महिला का मादक पदार्थों की तस्करी संबंधी आपराधिक इतिहास रहा है, लेकिन उस पर पुलिस की नजर प्रारंभिक चरण में नहीं गई। धीरे-धीरे चीजें पता चलीं। अगर अपराधियों पर निगरानी नहीं होगी तो अपराध पर अंकुश लगा पाना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है।

अभिलेखों और साक्ष्य संकलन में लचीलापन भी कानून और व्यवस्था को खोखला बना देता है। किसी भी अपराधी की हर गतिविधि पर नजर रखनी होगी। पेट्रोलिंग जितनी अधिक होगी अपराध उतना ही कम होगा। सिक्योरिटी प्रोसिडिंग पर भी जोर देना होगा।

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सामुदायिक पुलिसिंग 

दिल्ली का दायरा बदल गया, लेकिन पुलिसिंग वही है। एक पुलिसकर्मी हजारों लोगों की गतिविधि पर नजर नहीं रख पाता। हाइराइज बिल्डिंगों तक पुलिस की पहुंच कम है। ऐसे में आरडब्ल्यूए ओर एओए पदाधिकारियों सहित अन्य सेक्टरों और सोसायटियों के लोगों से संपर्क करना होगा,उनके सुझाव लेने होंगे। नागरिक सुरक्षा संगठन इकाई बनाकर उसपर काम करना होगा। इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर सोसायटी और सेक्टरों के लोगों को जोड़ना होगा ताकि वह अपनी परेशानी आसानी से पुलिस से साझा कर सकें।

स्ट्रांग कंट्रोल रूम

पहली ही काल पर कंट्रोल रूम को अलर्ट होना होगा। समय की मांग के अनुसार कंट्रोल रूम को और स्ट्रांग बनाना होगा और आधुनिक तकनीकों से लैस करना होगा। त्वरित सहायता मिलेगी तभी लोगों की धारणा पुलिस और पुलिसिंग के प्रति बढ़ेगी। कंट्रोल रूम में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा करना होगा।

स्ट्रीट क्राइम पर अंकुश लगाना आवश्यक 

स्ट्रीट क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगवाने की आवश्यकता है। संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी रखनी होगी और इन स्थानों पर फुट पेट्रोलिंग और गश्त को बढ़ाना होगा। अधिक से अधिक सूत्र तैयार करने होंगे ताकि वह अपराध होने से पहले ही जानकारी मुहैया करा सकें। छात्राओं और महिला कामगारों के लौटने का जो संवेदनशील समय है,उस पर पुलिस का पूरा फोकस होना चाहिए। स्नैचिंग, लूट, ठगी और प्रापर्टी से जुड़े अपराधों को बढ़ने से रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाकर काम करना होगा।