ब्रांड उत्पादकों को इनसे लेना होगा सिर्फ री-साइक्लिंग सर्टिफिकेट
इसके तहत ई-कचरे के संग्रहण और री-साइक्लिंग की जिम्मेदारी री-साइक्लर की होगी। इसके बदले उन्हें ई- कचरे से निकलने वाली कीमती धातुएं मिलेगी। साथ ही वह जितना ई- कचरा री-साइकल करेंगे, उतनी मात्रा का सर्टिफिकेट ब्रांड उत्पादकों को बेच सकेंगे।गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में हर साल करीब 11 लाख टन ई-कचरा पैदा हो रहा है, उसमें से सिर्फ दस फीसद हिस्से का ही संग्रहण और री-साइक्लिंग हो पाता है। यह स्थित तब है जब देश में साढ़े चार सौ से ज्यादा री-साइक्लर है, जिनकी री-साइक्लिंग की क्षमता सालाना 14 लाख टन है।-