तीन नए सहकारी संघों के निर्माण की मिली हरी झंडी, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा के लिए भी प्रोत्साहन


नई दिल्ली, एएनआई। केंद्र सरकार ने बुधवार को जैविक उत्पादों, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों की स्थापना करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के तहत जैविक उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समिति को स्थापित करने और बढ़ावा देने के निर्णय को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इसकी स्थापना से सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल से सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। 

डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा के लिए प्रोत्साहन

इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने रूपे डेबिट कार्ड, भीम यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी। बता दें कि इस प्रोत्साहन से मजबूत डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण और RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही 'सबका साथ, सबका विकास' के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए यह योजना यूपीआई लाइट और यूपीआई 123PAY को किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजिटल भुगतान समाधान के रूप में भी बढ़ावा देगी।

किसानों को सरकार का तोहफा

बता दें कि सहकारी समिति प्रमाणित एवं प्रामाणिक जैविक उत्पाद उपलब्ध कराकर जैविक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का संचालन करेगी। यह घरेलू और साथ ही वैश्विक बाजारों में जैविक उत्पादों की मांग और खपत क्षमता को अनलॉक करने में मदद करेगा। यह सोसायटी सहकारी समितियों और उनके किसान सदस्यों को सस्ती कीमत पर परीक्षण और प्रमाणन की सुविधा देकर बड़े पैमाने पर एकत्रीकरण, ब्रांडिंग और विपणन के माध्यम से जैविक उत्पादों की उच्च कीमत का लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी।

किसानों को इससे मिलेगी मदद 

इसके साथ ही सहकारी समिति प्राथमिक कृषि ऋण सहित सदस्य सहकारी समितियों के माध्यम से जैविक किसानों को एकत्रीकरण, प्रमाणन, परीक्षण, खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, रसद सुविधाओं, जैविक उत्पादों के विपणन और वित्तीय सहायता की व्यवस्था के लिए संस्थागत सहायता भी प्रदान करेगी।