अस्पताल व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पार्षद जस्सल को पांच साल कैद

 

 

अस्पताल व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पार्षद जस्सल को पांच साल कैद

2009 में हुई विएना हिंसा के दौरान जौहल अस्पताल व सार्वजनिक संपत्ति को तोड़कर आग लगाने के मामले में कांग्रेस पार्षद मनदीप जस्सल को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई। 13 साल बाद आए इस फैसले में उनके चार साथियों को भी दोषी माना गया।

जालंधर, संवाद सहयोगी : 2009 में हुई विएना हिंसा के दौरान जौहल अस्पताल व सार्वजनिक संपत्ति को तोड़कर आग लगाने के मामले में कांग्रेस पार्षद मनदीप जस्सल को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई। 13 साल बाद आए इस फैसले में उनके चार साथियों गुलजारा सिंह, बालमुकंद बिल्ला, शिंगारा राम और किशनपाल मिंटू को भी दोषी माना गया। जस्सल को 41 हजार रुपये जुर्माना के रूप में देने होंगे। जुर्माना अदा नहीं करने की सूरत में छह महीने की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।

पार्षद को जेल जाने के बाद ही मिल पाएगी जमानत

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने जस्सल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 2009 में जौहल अस्पताल के डाक्टर बीएस जौहल ने थाना रामामंडी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। जांच के बाद 25 मई 2009 को केस दर्ज हुआ था। आरोप लगाया था कि पार्षद जस्सल और उसके साथी अस्पताल में आए थे और उन्होंने सारा सामान जला दिया। साथ ही कैश काउंटर में डाका डाला और 70 हजार रुपये ले गए थे। हवलदार मंगत राम ने आरोप लगाया था कि पार्षद और उनके साथियों को रोकने की कोशिश की गई तो उसे भी धमकाया गया। पार्षद जस्सल को अब जमानत भी जेल जाने के बाद ही मिल पाएगी।

सजा पर रोक नहीं लगी तो निगम चुनाव नहीं लड़ पाएंगे

अगर सजा पर हाईकोर्ट में स्टे नहीं होता तो मनदीप जस्सल के लिए इसी साल होने वाला निगम चुनाव लड़ना संभव नहीं होगा। जस्सल पिछले साल रामामंडी में बिना मंजूरी कामर्शियल कांप्लेक्स बनाने को लेकर भी चर्चा में रहे थे। उनके कांप्लेक्स की ऊपरी मंजिल पर अवैध निर्माण को रोकने के लिए पुलिस तैनात करनी पड़ी थी।

यह है विएना कांड 2009 में संत रामानंद की हत्या के बाद पंजाब के कई शहरों में हिसंक घटनाएं हुई थी। इन घटनाओं के दौरान पब्लिक व निजी प्रापर्टी को भी नुकसान पहुंचाया गया और आग लगाई गई। जालंधर में भी एक अस्पताल की प्रापर्टी को नुकसान पहुंचाने के मामले में फैसला आया है।

बसपा के बाद थामा था हाथ

जस्सल पहले बहुजन समाज पार्टी में थे और 2012 का चुनाव आजाद जीते थे। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2017 में वह कांग्रेस की टिकट पर ही पार्षद बने। वह आदमपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र टिकट की भी मांग करते रहे हैं।

जज ने माना मामला संगीन

घायल पुलिस कर्मियों को भी हर्जाना देंगे पांचों दोषी केस की सजा सुनाते समय कोर्ट ने मामना कि मामला काफी संगीन है। जज धर्मेंद्र पाल सिंगला ने सजा सुनाने के बाद कहा कि जिन लोगों को अस्पताल में परेशानी आई है, उनको भी मुआवजा मिलना चाहिए। दो बाइक जला दिए गए थे जिसके बाद अब उनको मुआवजा दिए जाने के आदेश हुए हैं। मुआवजा दोषी ही देंगे। करीब दस पुलिस मुलाजिम भी इस मामले में घायल हुए थे जिनके इलाज का खर्च आया था। उनको मुआवजा भी दिए जाने के आदेश दिए गए हैं और वो मुआवजा भी दोषी ही देंगे।

विवादों से रहा है नाता

14 अगस्त 2022 को 10 मरले की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के आरोप में थाना रामामंडी पुलिस ने जस्सल समेत तीन पर केस किया था। -पिछले साल पार्षद जस्सल का कुछ लोगों से डीसी कार्यालय में भी विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग घायल हो गए थे लेकिन बाद में समझौता हो गया था।