Global South Summit वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है। भारत ने हमेशा अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है
नई दिल्ली, एएनआई। Voice of Global South Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सदस्य देशों को भाई कहकर संबोधित किया। समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है, ''मैं आपका स्वागत इस समिट में कर रहा हूं। मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आप दुनिया के विभिन्न जगहों से इसमें हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने हमेशा वैश्विक दक्षिण के अपने भाइयों के साथ अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है।''
'हमने कठिन वर्ष पीछे छोड़ दिया'
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक और कठिन वर्ष को पीछे छोड़ दिया जो युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती खाद्य उर्वरक और ईंधन की कीमतों को दर्शाता है। अधिकांश वैश्विक चुनौतियां ग्लोबल साउथ द्वारा नहीं बनाई गई हैं, लेकिन वो हमें अधिक प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इस वर्ष अपनी G20 अध्यक्षता शुरू की है, ये स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है।
'संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों की बड़ी भूमिका'
वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया और हम इस सदी में फिर से एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा कर सकते हैं जो हमारे नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी। आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्दों को हल करने में संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बड़ी भूमिका है। हमें इनमें सुधार और प्रगति को शामिल करना चाहिए।