इंसान की ही तरह जानवर भी होते हैं संवेदनशील

नई दिल्‍ली Reporter संवेदनशीलता ही इंसान और जानवर में अंतर करती है, लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि जानवरों में भी संवेदनाएं होती हैं। वे भी इंसान की तरह खुश होते हैं, हंसते हैं, सहानुभूति दिखाते हैं। प्राइमेटोलॉजिस्ट प्रोफेसर फ्रांस डे वाल ने करीब चार दशकों के अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष पेश किया है। उनकी किताब ‘मामाज लास्ट हग’ में जानवरों से जुड़ी ऐसे अनेक बातें दुनिया के सामने प्रमाणिक रूप से पेश की गई हैं। उनके अनुसार जानवर और हमारे दिमाग में इतनी समानता होती है कि मानव के फोबिया का इलाज चूहों के दिमाग में भय पैदा होने के अध्ययन से किया जाना संभव हुआ। वैज्ञानिकों ने धीरे-धीरे यह मानना शुरू कर दिया है किकेवल इंसान ही एकमात्र प्राणी नहीं होता जो भावनाएं समझता है।


 प्रो. वाल की किताब में ऐसी कई घटनाएं हैं जो बताती हैं कि चिंपाजी बहुत ही समझदार जीव होते हैं। वे इंसानी मनोभावों, जज्बातों को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। हंसते हैं, रोते हैं और इस तरीके के मनोभाव व्यक्त करने वाले कई क्रियाकलाप को अंजाम देते हैं। लोगों से उनके भावनात्मक जुड़ाव की भी कहानियां हैं। एक मामले में मादा चिंपांजी द्वारा बच्चे को बोतल से दूध पिलाने का उल्लेख है। एक घटना में मादा चिंपांजी को शिकारियों से बचाए जाने का उल्लेख है जिसमें जंगल में छोड़े जाने से पहले वह बचाने वाले के पास आती है और उसे गले लगाती है। मानो वह बिना धन्यवाद दिए नहीं जाना चाहती हो। कई डॉल्फिन और व्हेल ने भी बचाने वाले गोताखारों के प्रति ऐसी ही संवेदना जताई है।


यूनिवर्सिटी ऑफ वियना के शोधकर्ताओं ने बताया कि कुत्ते ईष्र्या करने में पूरी तरह सक्षम होते हैं। क्लिवर डॉग लैब की टीम ने दो कुत्ताें को प्रशिक्षित करना शुरू किया। दोनों खुश थे, लेकिन जैसे ही एक कुत्ते को रोटी का टुकड़ा मिलता, दूसरा नाराज हो जाता। प्रो. वाल कहते हैं कि एक बार दो बंदरों को एक साथ रखा। ककड़ी का प्रलोभन देकर मैंने छोटा सा कार्य दिया। लेकिन, जब मैंने एक बंदर को अंगूर देना शुरू किया वहां एक ड्रामा शुरू हो गया। जिस दूसरे को ककड़ी दिया वह हड़ताल पर चला गया। उसने ककड़ी के टुकड़े मुझ पर फेंकना शुरू कर दिया।


इंसान की तरह ही दूसरे जीवों का तंत्रिका तंत्र रिश्ते बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। जो प्रेम में पड़े होते हैं उनके रक्त में ऑक्सिटोसिन का स्तर उनसे काफी ज्यादा होता है जो सिंगल होते हैं। इसी तरह का हॉर्मोन उत्तरी अमेरिका में पाए गए दो प्रजातियों के चूहे (वूल) के बीच प्यार संबंध को आकार देता है। मीडो वूल कामुकतापूर्ण जीवन जीते हैं, जबकि प्रेयरी वूल जोड़े बनाते हैं। जिसमें नर व मादा विशेष रूप से मिलते हैं और संतान पैदा करते हैं। इनके दिमाग में ज्यादा ऑक्सिटोसिन होता है। यदि वे अपने साथी को खो देते हैं वे तनाव और अवसाद की स्थिति में आ जाते हैं।


आपने गाइड कुत्ताें के बारे में सुना ही होगा, लेकिन, शायद थाइलैंड के अभयारण्य में रहने वाले उस हाथी मेइ पर्म के बारे में नहीं। जब भी उसकी अंधी दोस्त जोकिया परेशान होती या छटपटाती, मेइ दौड़ कर उसके पास जाता। उसे अपनी सूंड से सहलाता। उसके मुंह में अपना सूंड रख देता। गौरतलब है कि सूंड हाथी के लिए सबसे संवेदनशील अंग होता है। जानवर खुशी या मजाक की स्थिति में हंसते हैं, लेकिन यह ज्ञात है कि लंगूरों को फिल्में देखना पसंद होता है। जब कोई इंसान जिसे वे पसंद करते हैं, गिरता है तो उनके चेहरे पर चिंता होती है, लेकिन जब उन्हें लगता है कि वे ठीक हैं वे हंसते हैं। जैसा कि हम अक्सर करते हैं। इधर कुत्ताें की वफादारी की कई कहानियां हैं। ग्रेफ्रियार्स बॉबी जिसने अपनी मौत से पहले लिक के कब्र की 14 वषों तक रक्षा की। इस तरह की वफादारी अन्य जानवरों में भी होती है। हाथी अपने मृत साथी के दांत या हड्डी एकत्र करता है।